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अंडे पहले ही गायब, अब 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषाहार पर संकट Ranchi News

39 दिनों से जारी सेविकाओं की हड़ताल सेआंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी 3.66 लाख गर्भवती महिलाओं के अलावा 17.26 लाख बच्चे पोषाहार के संकट का दंश झेल रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:46 PM (IST)
अंडे पहले ही गायब, अब 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषाहार पर संकट Ranchi News
अंडे पहले ही गायब, अब 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषाहार पर संकट Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े बच्चों के अलावा गर्भवती व धातृ माताओं के पूरक पोषाहार पर विद्यमान संकट और गहराता जा रहा है। बच्चों की थाली से जहां लगभग एक वर्ष पूर्व से ही अंडे गायब हो चुके हैं, वहीं रेडी टू इट (डब्बा बंद) का वितरण भी कमोबेश इतनी ही अवधि से प्रभावित है। इधर जिन बच्चों के बीच हॉट कुक की आपूर्ति किसी तरह से जारी थी, पिछले 39 दिनों से जारी सेविकाओं की बेमियादी हड़ताल ने उसे भी प्रभावित कर दिया है। बहरहाल आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी 3.66 लाख गर्भवती महिलाओं के अलावा 17.26 लाख बच्चे पोषाहार के संकट का दंश झेल रहे हैं।

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बताते चलें कि रेडी टू इट की आपूर्ति में देश की तीन कंपनियां जुड़ी हुई थी, जिसका करार जून 2017 में ही समाप्त हो गया था। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए संबंधित कंपनी को तीन बार तीन-तीन महीने का एक्सटेंशन दिया। यह करार भी मार्च 2018 में समाप्त हो गया। तदर्थ व्यवस्था के तहत किसी तरह बचे हुए रेडी टू इट से पोषाहार वितरण का यह कार्य और दो-तीन महीने तक चला।

बहरहाल सरकार ने इस व्यवस्था को झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) से संबद्ध सखी मंडलों के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया है। इससे इतर पोषाहार वितरण का सुदृढ़ रोड मैप अबतक तैयार नहीं हो सका था। बताया जा रहा है कि इस बाबत 150 करोड़ रुपये के रिवाल्विंग फंड जेएसएलपीएस को मुहैया कराए जाने की तैयारी है। इसके बावजूद एक साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुरानी व्यवस्था बहाल करने में अफसरों के हाथ-पांव फूल रहे हैं।


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