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NHRC की जांच में खुलासा, दमा और टीबी बांट रहा फैक्ट्री का धुआं-क्रशर का धूल

खनिज की ढुलाई से पश्चिमी सिंहभूम स्थित बड़ाजामदा के लोग दमा और टीबी के शिकार हो रहे हैं। उनमें एलर्जी और त्वचा रोग की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 07:20 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 03:52 PM (IST)
NHRC की जांच में खुलासा, दमा और टीबी बांट रहा फैक्ट्री का धुआं-क्रशर का धूल
NHRC की जांच में खुलासा, दमा और टीबी बांट रहा फैक्ट्री का धुआं-क्रशर का धूल

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। खनिज की ढुलाई से पश्चिमी सिंहभूम स्थित बड़ाजामदा के लोग दमा और टीबी के शिकार हो रहे हैं। उनमें एलर्जी और त्वचा रोग की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा इसपर संज्ञान लिए जाने के बाद वहां स्वास्थ्य शिविर लगाकर की गई जांच में यह खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी जानकारी देते हुए वहां अविलंब प्रदूषण रोकने की मांग उठाई है। गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से यह रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी जा रही है।

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  • दमा और टीबी के शिकार हो रहे बड़ाजामदा के लोग
  • फैक्ट्री के धुएं और क्रशर के धूल से सांस लेने में हो रही परेशानी
  • एनएचआरसी के निर्देश पर शिविर जांच में हुआ खुलासा
  • स्वास्थ्य विभाग ने प्रदूषण रोकने की उठाई मांग

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नोटिस तथा रिपोर्ट मांगे जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने कोल्हान के  क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं तथा चाईबासा के सिविल सर्जन को निर्देश देकर वहां शिविर लगाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कराई। इसी साल 29 जनवरी को शिविर लगाकर शिकायतकर्ता के अलावा अन्य स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य जांच की गई। इनमें अधिसंख्य लोग उक्त बीमारियों से ग्रसित पाए गए।

स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई समेकित रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां से प्रतिदिन लाखों भारी वाहन आयरन ओर लेकर गुजरते हैं, जिसके कारण स्कीन एलर्जी, दमा और टीबी की बीमारी हो रही है। वहीं, स्पंज आयरन फैक्ट्री से धुआं निकलने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। क्रशर चलने के कारण उडऩेवाले धूल भी परेशानी का सबब बना हुआ है।

कोल्हान के क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा 6 जून को इसकी रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिन्हा ने गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट की प्रति भेजते हुए वहां प्रदूषण नियंत्रण के आवश्यक प्रयास करने की अनुशंसा की है। इधर, स्वास्थ्य विभाग वहां रहनेवाले अन्य लोगों की भी स्वास्थ्य जांच कराने तथा उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश चाईबासा सिविल सर्जन को दिया है। दरअसल, दीपक कुमार व बड़ाजामदा के अन्य लोगों ने वहां माइनिंग के कारण हो रही स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी। आयोग ने इसपर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय तथा राज्य के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की। 

मुख्य सचिव को किया था समन
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बड़ाजामदा के लोगों की शिकायत पर रिपोर्ट मांगे जाने के बावजूद नहीं मिलने पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय के सचिव तथा राज्य के मुख्य सचिव को समन करते हुए 18 जून को आयोग में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। हालांकि 11 जून से पहले रिपोर्ट भेज दिए जाने के कारण यह समन रद हो गया है।

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