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रातू में पहले घेरी सरकारी जमीन, अब खुद बाउंडरी तोड़कर साक्ष्य छिपाने की कोशिश

रातू अंचल के 32 डिसमिल जमीन की संदिग्ध म्यूटेशन के मामले में खेल लगातार जारी है। 32 डिसमिल जमीन की आड़ में सरकारी जमीन घेर लिया गया था। इसका संज्ञान रांची के डीसी द्वारा लिए जाने के बाद जमीन माफिया साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से बाउंड्री तोड़ चुके हैं।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 10:00 AM (IST)
रातू में पहले घेरी सरकारी जमीन, अब खुद बाउंडरी तोड़कर साक्ष्य छिपाने की कोशिश
अब खुद बाउंडरी तोड़कर साक्ष्य छिपाने की कोशिश। जागरण

रांची, जासं । रातू अंचल के 32 डिसमिल जमीन की संदिग्ध म्यूटेशन के मामले में खेल लगातार जारी है। 32 डिसमिल जमीन की आड़ में सरकारी जमीन घेर लिया गया था। इसका संज्ञान रांची के डीसी द्वारा लिए जाने के बाद जमीन माफिया साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से बाउंड्री तोड़ चुके हैं, बाउंड्री तोड़कर नए सिरे से 32 डिसमिल जमीन पर चारदीवारी किया जा रहा है। शुरुआत में 50 डीसमिल मे हुई बाउंड्री मे 18 एकड सरकारी भूमि को भी घेर लिया गया था। डीसी ने जब इस गंभीर मामले की सत्यापन की बात कही तो उसे तोड़कर अब 32 डीसमिल मे ही चारदीवारी को लाया जा रहा है, ताकि जांच के दरम्यान दोषी अधिकारियों और जमीन माफियाओं की कारस्तानी को छुपाया जा सके।

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पहले जांच के दौरान अफसरों की मिलीभगत से चारदीवारी करवा दिया गया। अब चारदीवारी तोड़कर नए सिरे से चारदीवारी किए जाने का खेल चल रहा है। इस मामले में संबंधित जमीन के मूल मालिक अमरुद्दीन अंसारी की ओर से ही कार्रवाई की मांग की गई है। इस जमीन को लेकर बीते 7 सितंबर को रातू अंचल के हलका पांच अंतर्गत सिमलिया मौजा के खाता संख्या 9 प्लॉट संख्या 3681 रकबा 32 डिसमिल जमीन का संदिग्ध डीड के आधार पर म्यूटेशन किया गया था।

आपत्ति के बावजूद कर दिया था म्यूटेशन

रातू अंचल की म्यूटेशन के संख्या 873/20-21 पर पीड़ित पक्ष द्वारा बीते 4 सितंबर को आपत्ति दर्ज कराई गई थी। इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए अंचलाधिकारी व अन्य जिम्मेदारों की मिलीभगत से सात सितंबर को दाखिल खारिज कर दिया गया। आपत्ति पर किसी भी तरह से विचार नहीं किया गया है। चार सितंबर को रातू अंचल कार्यालय पहुंचकर अमरुद्दीन अंसारी की ओर से एक लिखित आवेदन देकर आग्रह किया गया था कि इस म्यूटेशन में बिना मेरे पक्ष लिए निष्पादित नहीं की जाए।

आपत्ति करने वाले का दावा है कि दाखिल खारिज में इस्तेमाल की गई डीड को जमीन के मूल मालिक अमीरुद्दीन अंसारी फर्जी करार देकर कहा गया है कि संबंधित डीड उनके पूर्वज द्वारा नहीं किया गया है ना ही किसी के पास बेचा गया था। संबंधित डीड को लेकर कथित जमीन मालिक लेकर 37 वर्षों से म्यूटेशन के लिए घूम रहे थे उसे रातू अंचल कार्यालय द्वारा गड़बड़ी करते हुए महज 54 दिनों में म्यूटेशन कर दिया गया। मामले को लेकर क्षेत्रीय जन विकास परिषद के अध्यक्ष दयानंद मिश्रा की ओर से भू राजस्व सचिव झारखंड को पूरे दस्तावेजों के साथ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में भू राजस्व सचिव केके सोन की ओर से भी जमाबंदी रद्द करने की कार्रवाई का निर्देश दिया था।


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