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Firecrackers Guidelines: झारखंड में सिर्फ 2 घंटे ही आतिशबाजी, 14 जिलों में ग्रीन पटाखे खरीदने-बेचने की अनुमति

Firecrackers Guidelines in Jharkhand राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने जारी निर्देश में कहा है कि जो भी व्यक्ति उक्त निर्देश का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे उन पर प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत कानून सम्मत कार्रवाई होगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 05:30 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:33 PM (IST)
Firecrackers Guidelines: झारखंड में सिर्फ 2 घंटे ही आतिशबाजी, 14 जिलों में ग्रीन पटाखे खरीदने-बेचने की अनुमति
सरकार द्वारा यह आदेश आज जारी किया गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। वायु व ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए झारखंड में सिर्फ दो घंटे ही आतिशबाजी की अनुमति दी गई है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण से जारी गाइडलाइंस के अनुसार इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। कम प्रदूषित जिलों में हरित पटाखों की बिक्री व चलाने की अनुमति दी गई है। सामान्य प्रदूषित जिलों में 125 डेसीबेल से कम ध्वनि सीमा वाले पटाखे चलाए जा सकते हैं।

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राज्य में दीपावली, छठ, क्रिसमस, नव वर्ष आदि त्योहारों के समय पटाखे मात्र दो घंटे तक ही चलाए जा सकेंगे। दीपावली व गुरुपर्व पर रात के आठ बजे से रात दस बजे तक तथा छठ में प्रात: छह बजे से प्रात: आठ बजे तक, क्रसमस व नव वर्ष के दिन मध्य रात्रि 11.55 से मध्य रात्रि 12.30 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने जारी निर्देश में कहा है कि जो भी व्यक्ति उक्त निर्देश का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे, उन पर प्रदूषण निवारण अधिनियम के तहत कानून सम्मत कार्रवाई होगी।

छठ और दीपावली के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। दीपावली के दिन रात में 8:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक ही पटाखे छोड़ने की अनुमति है। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के लिए उपायुक्तों को शक्ति दी गई है। 14 जिलों में सिर्फ ग्रीन पटाखे खरीदने और बेचने के साथ-साथ इस्तेमाल करने की अनुमति है। इसके अलावा अन्य 10 जिलों में 125 डेसीबल से कम आवाज करने वाले पटाखे छोड़े जा सकेंगे।

किस जिले के लिए क्या है गाइडलाइंस

थोड़ा कम प्रदूषित जिले : रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ व साहिबगंज के शहरी क्षेत्र। यहां दीपावली की शाम आठ बजे से रात के दस बजे तक ही पटाखे चलाने की अनुमति। इन जिलों में सिर्फ हरित पटाखों की बिक्री की जा सकेगी।

संतोषप्रद प्रदूषण वाले जिले : चतरा, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा व दुमका के शहरी क्षेत्र। यहां वैसे पटाखों की बिक्री होगी, जिसकी ध्वनि सीमा 125 डेसीबेल से कम हो। यहां दीपावली के दिन शाम आठ बजे से रात के दस बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं।


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