युवक की मौत के बाद आक्रोशित हुई भीड़, पुलिस पर बरसाए पत्थर; आगजनी Koderma News
Jharkhand Hindi News. सुबह से स्थानीय लोग सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे इसी दौरान पुलिस और आक्रोशित लोगों के बीच हंगामा बढ़ गया।
कोडरमा, जासं। कोडरमा जिले के सतगावां थानाक्षेत्र के नासरगंज में गीता क्लीनिक के समीप बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के मद्देनजर स्थानीय लोगों के आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है। सुबह से स्थानीय लोग सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान पुलिस और आक्रोशित लोगों के बीच हंगामा बढ़ गया। लोगों के द्वारा पत्थरबाजी की घटना के बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा और लाठियां भी भांजनी पड़ी।
लोगों ने प्रदर्शन करते हुए स्थानीय गीता क्लीनिक में तोड़फोड़ की और आगजनी की घटना को अंजाम दिया। जानकारी के मुताबिक आक्रोशित लोगों के द्वारा गीता क्लीनिक में रखे गए कई मेडिकल इक्यूपमेंट भी आग के हवाले कर दिए गए हैं। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही एसपी एहतेशाम वकारीब और एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ स्थिति को देखते हुए विधि व्यवस्था बहाल करने में प्रखंड प्रशासन और पुलिस प्रशासन जुटी हुई है। इधर जिले के उपायुक्त रमेश घोलप भी मामले की को लेकर लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
सतगावां प्रखंड में गत मंगलवार शाम सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मौत के बाद गुरुवार सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने कोडरमा-गया मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। वे स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार शाम ट्रैक्टर की चपेट में आने से खुट्टा गांव का युवक राजा कुमार बुरी तरह से घायल हो गया था। घायल अवस्था में सतगावा प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं के कारण उसे समुचित इलाज नहीं मिल पाया। साथ ही वहां के एक निजी नर्सिंग होम गीता क्लिनिक में भी युवक को इलाज नहीं मिलने से लोग नाराज हैं।
बाद में उसे 75 किलोमीटर दूर कोडरमा सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बहरहाल सड़क दुर्घटना में मारे गए युवक राजा कुमार के पिता भागीरथ विश्वकर्मा की अगुवाई में ग्रामीणों ने प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आंदोलन छेड़ दिया है। गुरुवार सुबह से ही लोग मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। धरने पर बैठे मृत युवक के पिता भागीरथ विश्वकर्मा का कहना है कि प्रखंड में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बुरा हाल है और इसी अव्यवस्था के कारण उनके बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
अगर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था होती तो उनका बच्चा बच गया होता। बहरहाल भगीरथ विश्वकर्मा ने लोगों से आवाहन किया है कि जो घटना उनके बच्चे के साथ हुई है, वह प्रखंड के दूसरे बच्चों के साथ ना हो, इसलिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए उनका सहयोग करें। विरोध प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित महिलाओं ने हाथों में सरकारी डॉक्टरों के पुतले लेकर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस उन्हें समझाने बुझाने की जद्दोजहद कर रही है, लेकिन जाम की स्थिति यथावत बनी हुई है। आक्रोशित लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ गीता क्लीनिक को बंद करने की मांग कर रहे हैं।