फास्ट व स्ट्रीट फूड के स्टॉल बना रहे हैं बीमार
शहर में बिक रहे फास्ट व स्ट्रीट फूड लोगों को बीमार बना रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची: शहर में बिक रहे फास्ट व स्ट्रीट फूड लोगों को बीमार बना रहे हैं। दरअसल, फास्ट व स्ट्रीट फूड बिकने वाले इन अधिकतर स्टॉलों व दुकानों के ईर्द-गिर्द गंदगी व कूड़े का अंबार लगा रहता है। जहां हर दिन हजारों लोग चाऊमिन, समोसे, कचौड़ी, जलेबी खाकर अपनी भूख मिटाते हैं। इन लोगों को यह नहीं पता की ये समोसे-कचौड़ी के साथ-साथ बीमारियां भी ग्रहण कर रहे हैं। वहीं, शहर में फूड इंस्पेक्टर की गतिविधि भी लोगों की सेहत को लेकर संवेदनशील है। जिसके कारण लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ जारी है।
अपर बाजार में मस्जिद के सामने समोसे-कचौड़ी की दुकान हैं। जहां हर रोज हजारों ग्राहक समोसा खाते होंगे। दुकान के बिल्कुल पास ही भंट्टी हैं, जहां समोसे तैयार किए जा रहे हैं। भंट्टी के एकदम सटा हुआ, डस्टबिन रखा हुआ है जो दोने से पूरी तरह भर चुका है और उसपर मक्खियां भिन-भिना रही हैं। वहीं, उसी के बगल में खड़े होकर लोग समोसा व कचौड़ी खा रहे हैं। वैसे ये एक जगह की बात हुई। लेकिन दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को शहर के मुख्य चौराहों पर लगने वाले कई ऐसे फूड स्टॉलों की पड़ताल की। जिसमें अलबर्ट एक्का चौक, ईस्ट जेल रोड़, थड़पखना, अरगोड़ा चौक, मोरहाबादी में लगे फूड स्टॉल रहे। इनमें से अधिकतरों में संचालक हाईजीन के बेसिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिखे। कुछ दुकानों के बर्तनों के हाल ऐसे दिखे, जिसे देखने से लग रहा था। ये महीनों से ना धुलें हों। हालांकि नगर निगम ने शहर के स्ट्रीट व फास्ट फूड स्टॉल संचालकों को हाईजीन संबंधित प्रशिक्षण भी दिया था। लेकिन कोई भी उनका पालन करता नहीं दिख रहा है।
===
रॉ मेटेरियल भी खुले में
मोरहाबादी में एक फूड वैन के पीछे एक ओर वैन लगा था। जहां चाउमिन, रोल आदि के तैयार रॉ मेटेरियल रखे गए हैं। सभी सामान खुले में हैं और इनपर मक्खियां मंडरा रही हैं। इसके बाद संचालक ने रॉ मेटेरियल को बिना गल्वस पहने ही पकाना शुरू कर दिया।
----
लोगों के स्वास्थ्य को लेकर नहीं है संवेदनशील
लोगों के स्वास्थ्य के प्रति इनकी जागरूकता व संवेदनशीलता इतनी कम है कि खाद्य सामग्री तैयार करने से लेकर इसे परोसने तक में ये सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते हैं।