मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर लगा ग्रहण, किसानों के खाते में अक्टूबर से नहीं गई राशि
Jharkhand. अब तक 16 लाख से अधिक किसानों को पहली किस्त का लाभ मिला है। नौ लाख से अधिक को दूसरी किस्त का लाभ दिया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। रघुवर दास सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है। कृषि आशीर्वाद योजना से जुड़ा कामकाज पूरी तरह से ठप है। योजना के तहत आखिरी किस्त अक्टूबर माह के अंत में भेजी गई थी तब से अब तक किसानों को इस योजना के मद में कोई राशि नहीं मिली है। कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पूर्व किसानों के खाते में पिछली किस्त डाली थी।
विभागीय रिपोर्ट की मानें तो अक्टूबर माह के अंत तक 16,14,028 किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत प्रथम किस्त का भुगतान किया है। जबकि 9,27,819 किसानों को दूसरी किस्त भी मिल गई है। इस योजना के आगे जारी रहने को लेकर भी संशय की स्थिति है। विभाग को भी इस संदर्भ में सरकार के अगले निर्देश का इंतजार है। अब मंत्रिमंडल के बंटवारे के बाद ही आशीर्वाद योजना को लेकर तस्वीर साफ होगी कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए यह योजना जारी रहेगी या इसमें कुछ बदलाव होगा।
योजना में हो सकता है कुछ बदलाव
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना किसानों के हितों से जुड़ी है, ऐसे में इतने बड़े तबके को नाराज करने का साहस राज्य सरकार नहीं कर सकती। लेकिन योजना में कुछ बदलाव की बात अवश्य कही जा रही है। चर्चा है की ओडिशा की कालिया योजना की तर्ज पर योजना में कुछ बदलाव किया जा सकता है। इस योजना का फायदा यह होगा कि इसमें कृषि के साथ-साथ पशुपालन व मत्स्य जैसे संबद्ध क्षेत्र के किसानों को भी शामिल किया जा सकता है।
भूमिहीन किसान भी इस दायरे में आ सकते हैं। ओडिशा सरकार इन योजना के तहत किसानों के आर्थिक स्तर को सुधारने और बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक मदद करती है। योजना के तहत प्रत्येक किसान परिवार को एक वर्ष में खरीफ व रबी फसल के लिए अधिकतम दस हजार रुपये दिए जाते हैं। हालांकि किसानों को एक निश्चित अवधि तक ही राशि दिए जाने का प्रावधान है।