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झारखंड के किसान बंजर जमीन पर लगा सकेंगे सोलर पावर प्लांट, JBVNL खरीदेगी बिजली; जानिए सब कुछ

राज्य में बंजर जमीन पर सोलर पावर प्लांट का निर्माण अब सुगम होगा। इस योजना के तहत किसान अथवा किसानों का समूह ग्राम पंचायत और विकासकर्ता बंजर भूमि पर न्यूनतम 0.5 मेगावाट से अधिकतम दो मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगा सकेंगे।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 07:46 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 07:46 AM (IST)
झारखंड के किसान बंजर जमीन पर लगा सकेंगे सोलर पावर प्लांट, JBVNL खरीदेगी बिजली; जानिए सब कुछ
बंजर जमीन पर लगा सकेंगे सोलर पावर प्लांट। जागरण

रांची, जासं । राज्य में बंजर जमीन पर सोलर पावर प्लांट का निर्माण अब सुगम होगा। इस योजना के तहत किसान अथवा किसानों का समूह, ग्राम पंचायत और विकासकर्ता बंजर भूमि पर न्यूनतम 0.5 मेगावाट से अधिकतम दो मेगावाट का सोलर पावर प्लांट लगा सकेंगे। प्लांट के जरिए पैदा होने वाली सौर ऊर्जा को झारखंड बिजली वितरण निगम 25 वर्षों के समझौते के तहत खरीदेगा। सौर ऊर्जा खरीदने की दर निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव बिजली वितरण निगम ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजा था। इस प्रस्ताव पर अंतिम जनसुनवाई मंगलवार को आनलाइन प्रक्रिया से पूरी की गई।

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जल्द ही सौर ऊर्जा खरीदने की दर निर्धारित कर ली जाएगी। जनसुनवाई में मंगलवार को करीब तीस लोग जुड़े थे। इसमें कई लोगों ने बिजली वितरण निगम की ओर से प्रस्तावित दर 3.09 रुपये प्रति यूनिट पर आपत्ति जताई और इसे बढ़ाकर सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने की मांग उठाई। बिजली वितरण निगम ने प्रस्ताव में विभिन्न राज्यों की दरों का भी उल्लेख किया है। जनसुनवाई के दौरान राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य सचिव आरएन सिंह मौजूद थे।

एक मेगावाट के संयंत्र पर चार करोड़ की लागत

एक मेगावाट की क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट लगाने में करीब चार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए केंद्र सरकार आसान ऋण उपलब्ध कराने में मदद करेगी। केंद्र सरकार बिजली वितरण निगम को पहले पांच वर्ष तक प्रति यूनिट पचास पैसे सब्सिडी देगी। दर तय होने के बाद बिजली वितरण निगम सोलर पावर प्लांट लगाने वाली कंपनियों को आमंत्रित करेगा। सबसे कम दर पर प्लांट लगाने के लिए आगे आने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा। योजना के तहत सोलर पावर प्लांट बिजली वितरण निगम के विद्युत सबस्टेशन के पांच किलोमीटर के दायरे में लगेंगे। निगम उत्पादित बिजली ग्रिड में पहुंचाकर उसका वितरण सुनिश्चित करेगा।


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