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धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान परेशान, औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश Ranchi News

Jharkhand News किसानों का कहना है कि आखिर विभाग कब धान क्रय केंद्र खोलगी। किसान धान की फसल को औने-पौने दाम में बाजार में बेचने के लिए मजबूर हैं। धान क्रय केंद्र पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए खोला जाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 03:30 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:30 PM (IST)
धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान परेशान, औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश Ranchi News
किसानों को धान काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं।

बेड़ो (रांची), जासं। रांची के बेड़ो प्रखंड की 90 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि में धान की खेती ही इस क्षेत्र के किसानों की मुख्य पूंजी है। धान की खेती से ही इस क्षेत्र के किसान साल भर जीवन-यापन करते हैं, लेकिन सरकार की अव्यवस्था और प्रखंड व जिला के विभागीय लापरवाही के कारण प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए धान क्रय केंद्र अभी तक नहीं खुला है।

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प्रखंड मुख्यालय सहित प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की व्यस्तता धान कटाई को लेकर बढ़ी है। प्रखंड में धान खरीद को लेकर क्रय केंद्र नहीं खुले हैं। प्रखंड मुख्यालय में अब तक सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि आखिर विभाग कब धान क्रय केंद्र खोलगी। किसानों का कहना है कि विभाग अगर समय से धान क्रय केंद्र खोल दे तो किसान क्रय केंद्र में ही धान बेचते। लेकिन विभाग ऐसे समय पर क्रय केंद्र खोलेगा जब अधिकांश किसानों का धान बाजार में बिक जाएगा।

किसान नीरज कुजूर, दिलीप केरकेट्टा, बुधवा उरांव, टुकरु उरांव, बिदिन उरांव विकास महतो, चन्द्र गोप को धान लगाने से काटने तक में समस्या हुई है। धान को व्यापारी के हाथों बेच कर अगली खेती की तैयारी में जुटे हैं। उन्हें धान काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। वह पूरे परिवार के साथ खेतों से धान काटने में दस दिनों से जुटे हैं। समय से उसे पैसा मिलता तो वह क्रय केंद्र में ही बेचते।

उन्होंने जब भी क्रय केंद्र में बेचा है, उन्‍हें पैसे के लिए काफी इंतजार करना पड़ा है। वहीं साईं मंदिर रोड में बनाया गया लैम्पस कार्यालय वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। इसे मुहल्ले के लोगों ने गंदगी का आश्रय स्थल बना दिया है। इसके बाद भी प्रखंड प्रशासन उदासीन है। इससे प्रखंडवासियों में रोष व्याप्त है। वर्षों पहले प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए लाखों की लागत से लैम्पस कार्यालय का निर्माण किया गया था।

लेकिन प्रखंड प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व समिति के उदासीन रवैये एवं सहकारिता विभाग की लापरवाही के कारण भवन कचरा फेंकने का आश्रय स्थल बनकर रह गया है। लैम्पस भवन के सामने गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इधर किसानों ने प्रखंड व जिला के प्रशासन से यथाशीघ्र सरकारी क्रय केंद्र खोले जाने की मांग की है।


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