डाक विभाग के सहारे बधेगी विश्वास की डोर
रक्षा बंधन भाई-बहनों के बीच अटूट स्नेह का त्योहार है।
जागरण संवाददाता, रांची : रक्षा बंधन भाई-बहनों के बीच अटूट स्नेह का त्योहार है। भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बहनों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। बहनें कलाई पर राखी के साथ स्नेह का डोर बांधती हैं। बदले में भाई अपने बहन को हर मुश्किल वक्त में साथ निभाने का वचन देता है तो दूसरी ओर बहन भी भाई के लिए ईश्वर से कामना करती हैं। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती हैं वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होता बल्कि भाई-बहनों के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन होता है। यही अटूट बंधन रक्षाबंधन के दिन भाई को बहन के पास खींच लाता है। चाहे जहां भी रहे इस दिन भाई जरूर अपने बहन के पास राखी बंधवाने आते हैं। हालांकि, जिस प्रकार कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है इसे देखते हुए इस बार भाई की कलाई पर राखी बांधने की उम्मीद कम ही है। पिछले वर्षों के मुकाबले अपेक्षाकृत काफी कम लोग ट्रेवल कर भाई बहन के घर जाने वाले हैं। लिहाजा एक दूसरे की सुरक्षा के लिए पहले से ही राखी और गिफ्ट डाक के माध्यम से भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है।
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कई देशों में डाक से भी राखी भेजने की व्यवस्था नहीं
पूरी दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में सुरक्षा की ²ष्टिकोण से कई देशों में डाक सेवाएं फिलहाल बंद हैं। दुनिया के 105 देशों में भारतीय डाक विभाग सेवा देती है। वहीं, संक्रमण फैलने के बाद महज 35 देशों में ही डाक की बुकिग हो रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से ज्यादा प्रभावित देशों में रह रहे भाईयों के लिए राखी भेजने के लिए बहनों के पास कोई साधन नहीं है। हालांकि, रक्षाबंधन तीन अगस्त को है। इस बीच परिस्थिति के अनुसार डाक विभाग निर्णय लेगा।
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दिल्ली, कोलकाता की राखियों से पटा बाजार
चीन के साथ उपजे विवाद के बाद भारतीय चाइनीज वस्तुओं से दूरी बना रहे हैं। इसका लाभ स्थानीय कारोबारी उठा रहे हैं। रांची में राखी का बाजार सजने लगा है लेकिन कहीं भी चाइनीज राखी नहीं देखने को मिलेगी। अगर कहीं मिलेगा भी तो पुराना स्टॉक। दुकानदार विकास सोनी के
अनुसार रांची में कई कारोबारी राखी बनाते हैं लेकिन फैशनेबुल राखी कोलकाता और दिल्ली से मंगवाई जा रही है। एक से बढ़कर एक डिजाइन के राखी बाजार में उपलब्ध हैं।
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ऐसी राखी खरीदें, बाद में भी कर सकते हैं उपयोग
बच्चों के लिए एक से बढ़ कर एक डिजाइन की राखी से बाजार में उपलब्ध है। खासकर मोटू-पतलू, छोटा भीम थीम पर बनी राखी बच्चों को खूब भा रहा है। वहीं, बच्चों के लिए रबर और कटर युक्त राखी का रक्षाबंधन के बाद भी उपयोग हो सकता है।
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बाजार में 10 रुपये से लेकर 15 सौ रुपये तक की राखी
पिछले वर्ष की तुलना में फैशलनेबुल राखी 15-20 फीसद तक महंगा हुआ है। सामान्य राखी 10 रुपये से लेकर 150 रुपये तक में मिल रही है। वहीं, फैशनेबल राखी की कीमत 25 रुपये से लेकर 750 रुपये तक है। स्टोन वर्क भी उपलब्ध है जिसकी कीमत 125 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है।
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रक्षाबंधन का शुभमुहूर्त रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 09:28 से 21:14 अपराह्न मुहूर्त- 13:46 से 16:26 प्रदोष काल मुहूर्त- 19:06 से 21:14 पूर्णिमा तिथि आरंभ - 21:28 (2 अगस्त) पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21:27 (3 अगस्त)