उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 4 जी टावर लगाने की कवायद शुरू
राज्य के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। पहले चरण में बीएसएनएल द्वारा अब तक 742 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं।
By Edited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 05:20 AM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 05:20 AM (IST)
विक्रम गिरी, रांची: राज्य के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टावर के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। पहले चरण में बीएसएनएल द्वारा अब तक 742 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं। वहीं दूसरे चरण में 1054 और जगहों पर टावर लगाए जाने की तैयारी चल रही है। दूर संचार विभाग के मुताबिक जल्द ही इसके लिए नई दिल्ली से निविदा निकाली जाएगी। जिसके बाद टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
सरकार कंपनियों को देगी सब्सिडी
इस निविदा में बीएसएनएल के अलावा निजी टेलीकॉम कंपनियां भाग ले सकती है। साथ ही कंपनी को केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाएगी। यह सब्सिडी कंपनी को इन क्षेत्रों में टावर लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दी जा रही है। क्या होगा फायदा इसका पहला फायदा यह होगा कि जिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभी किसी भी कंपनी का टावर नहीं है। वहां मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। दूसरा जिन क्षेत्रों में टू जी मोबाइल टावर लगे हैं। वहां 4 जी टावर लग जाएंगे। जिससे यहां रहने वाले लोग आसानी से वाइस कॉलिंग के साथ-साथ वीडियो कॉलिंग व इंटरनेट सर्फिग कर सकेंगे।
742 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएनएल लगा चुका है टावर
केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम के पहले चरण में बीएसएनएल द्वारा 742 टावर लगाए जा चुके हैं। वहीं इसके अगले चरण में 1054 और लगाए जाने हैं। केंद्र सरकार देगी सब्सिडी 1054 प्रस्तावित क्षेत्रों में टावर लगाने वाली कंपनी को केंद्र सरकार सब्सिडी भी देगी। सब्सिडी देने का मकसद है की टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इन जिलों में लगेंगे टावर ये मोबाइल टावर राज्य के 21 जिलों धनबाद, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, पलामू, गढ़वा, देवघर, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, रामगढ़, गुमला, चतरा, सरायकेला खरसावा, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, लातेहार, कोडरमा, सिमडेगा, खुंटी व लोहरदगा में लगेंगे।
'गोड्डा व साहिबगंज को छोड़कर बाकि सभी नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। राज्य में 1054 जगहों पर ये टावर लगाए जाएंगे।' -वीके श्रीवास्तव, डीडीजी, ग्रामीण, दूर संचार विभाग।
सरकार कंपनियों को देगी सब्सिडी
इस निविदा में बीएसएनएल के अलावा निजी टेलीकॉम कंपनियां भाग ले सकती है। साथ ही कंपनी को केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाएगी। यह सब्सिडी कंपनी को इन क्षेत्रों में टावर लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दी जा रही है। क्या होगा फायदा इसका पहला फायदा यह होगा कि जिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभी किसी भी कंपनी का टावर नहीं है। वहां मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। दूसरा जिन क्षेत्रों में टू जी मोबाइल टावर लगे हैं। वहां 4 जी टावर लग जाएंगे। जिससे यहां रहने वाले लोग आसानी से वाइस कॉलिंग के साथ-साथ वीडियो कॉलिंग व इंटरनेट सर्फिग कर सकेंगे।
742 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएनएल लगा चुका है टावर
केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम के पहले चरण में बीएसएनएल द्वारा 742 टावर लगाए जा चुके हैं। वहीं इसके अगले चरण में 1054 और लगाए जाने हैं। केंद्र सरकार देगी सब्सिडी 1054 प्रस्तावित क्षेत्रों में टावर लगाने वाली कंपनी को केंद्र सरकार सब्सिडी भी देगी। सब्सिडी देने का मकसद है की टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इन जिलों में लगेंगे टावर ये मोबाइल टावर राज्य के 21 जिलों धनबाद, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, पलामू, गढ़वा, देवघर, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, रामगढ़, गुमला, चतरा, सरायकेला खरसावा, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, लातेहार, कोडरमा, सिमडेगा, खुंटी व लोहरदगा में लगेंगे।
'गोड्डा व साहिबगंज को छोड़कर बाकि सभी नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। राज्य में 1054 जगहों पर ये टावर लगाए जाएंगे।' -वीके श्रीवास्तव, डीडीजी, ग्रामीण, दूर संचार विभाग।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें