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एचईसी के तत्कालीन सीनियर डीजीएम व तीन ट्रांसपोर्टरों को चार साल की जेल

रांची एचईसी के तत्कालीन सीनियर डीजीएम (एचएमबीपी) रामनमूना सिंह व तीन ट्रांसपोर्टरों को भ्रष्टाचार के आरोप में चार-चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 07:57 PM (IST)
एचईसी के तत्कालीन सीनियर डीजीएम व तीन ट्रांसपोर्टरों को चार साल की जेल
एचईसी के तत्कालीन सीनियर डीजीएम व तीन ट्रांसपोर्टरों को चार साल की जेल

जागरण संवाददाता, रांची : एचईसी के तत्कालीन सीनियर डीजीएम (एचएमबीपी) रामनमूना सिंह व तीन ट्रांसपोर्टरों को सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार में दोषी पाते हुए चार साल की सजा सुनायी है। ट्रांसपोर्टर भाईयों को 80-80 हजार रुपये एवं रामनमूना सिंह को एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने की स्थिति में छह माह अतिरिक्त सजा भोगनी होगी। जिन ट्रांसपोर्टरों को सजा सुनाई गई है उनमें धीरेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ डब्लू सिंह, कुमार गौरव मिश्र उर्फ अनिल मिश्रा एवं अवनिकांत मिश्रा तीनों भाई हैं।

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यह फैसला सीबीआई के विशेष जज एके मिश्र की अदालत ने सुनाया। मामला आरसी 8/2011 से जुड़ा है। आरोप है कि ट्रांसपोर्टर एवं डीजीएम ने मिलीभगत कर एचईसी को 25 लाख 88 हजार 615 रुपये का चूना लगाया। सीबीआई ने 15 जून 2011 को चारों अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू की थी।

फर्जी बिल जमा कर निकाला पैसा

ट्रांसपोर्टर भाइयों का एचईसी में वाहन चलता था। ये लोग ट्रांसपोर्टिग कार्य से जुड़े थे। इन लोगों ने ट्रांसपोर्टिंग से ज्यादा का फर्जी बिल जमा कर एचईसी से पैसे की निकासी की। जांच के दौरान पता चला कि फर्जी बिल पास कराने में सीनियर डीजीएम रहे रामनमूना सिंह की प्रमुख भूमिका थी।

पीएलएफआई एरिया कमांडर के नाम पर लेवी वसूलने वाला दोषी करार : अपर न्यायायुक्त एसके शशि की अदालत ने मंगलवार को पीएलएफआई के एरिया कमांडर कालीचरण के नाम पर व्यवसायियों से लेवी वसूलने वाले पवन गोप (26) को आ‌र्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है। एक अक्टूबर को अदालत सजा सुनाएगी। अभियुक्त को जेल भेज दिया गया। मामला डोरंडा थाना कांड संख्या 555/12 से जुड़ा है। 20 नवंबर 2012 डोरंडा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी फजल अहमद ने गुप्त सूचना पर न्यू गांधी नगर, हिनू से उसे गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक देशी पिस्तौल, छह जिंदा गोली, पीएलएफआई का लेटर पैड, मोबाइल बरामद किया था। अभियुक्त मूलरूप से खूंटी के मंगरा टोली का रहने वाला है।

लेटरपैड और मोबाइल फोन के जरिए देता था धमकी : दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पवन गोप नामकुम, तुपुदाना, डोरंडा आदि के ग्रामीण इलाकों में ईंट उद्योग और क्रशर व्यवसायियों से एरिया कमांडर के नाम पर लेवी के लिए तंग करता था। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देता था। पुलिस को लगातार इसकी सूचना मिल रही थी। पुलिस उसे तलाश कर रही थी। 20 नवंबर को पुलिस को सूचना मिली कि पल्सर बाइक एवं यामहा बाइक पर पवन गोप न्यू गांधी नगर इलाके में घूम रहा है। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी टीम का गठन कर उसे धर दबोचा।


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