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Yogendra Sao: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जेल में एक घंटे तक पूछताछ, जानें पूरा मामला

एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार द्वारा धमकी देने के मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में जगन्नाथपुर थानेदार ने योगेंद्र साव से एक घंटे तक पूछताछ की।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 07:33 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 01:06 PM (IST)
Yogendra Sao: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जेल में एक घंटे तक पूछताछ, जानें पूरा मामला
Yogendra Sao: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जेल में एक घंटे तक पूछताछ, जानें पूरा मामला

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा चुनाव-2016 में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए लालच व धमकी से संबंधित एक भी साक्ष्य पुलिस को नहीं मिल सका। धमकी देने का आरोप एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार पर लगा था। विधायक निर्मला देवी के अनुसार साक्ष्य, बातचीत की रिकार्डिंग एक डिवाइस में कैद है, जो उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के पास है। इसके बावजूद योगेंद्र साव वह उपकरण नहीं दे सके, जिसमें तथाकथित बातचीत की रिकार्डिंग है।

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अदालत के आदेश पर कांड का अनुसंधान कर रहे जगन्नाथपुर थानेदार अनूप कर्मकार मंगलवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार पहुंचे थे। इस जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से उन्होंने करीब एक घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने एक बार फिर योगेंद्र साव से उस मूल डिवाइस की मांग की, जिसपर तथाकथित वार्तालाप की रिकार्डिंग की गई थी। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने एक बार फिर वह डिवाइस  देने से इन्कार कर दिया। पुलिस को वह डिवाइस  इसलिए भी जरूरी है ताकि उसकी फोरेंसिक जांच हो सके। इससे यह साबित होगा कि वाकई एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार ने तथाकथित धमकी दी थी या नहीं। 

अदालत के तीन नोटिस के बावजूद नहीं दिया डिवाइस
अनुसंधानकर्ता ने एसएसपी को पत्र लिखकर बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, बड़कागांव विधायक निर्मला देवी ने भी आरोपों के समर्थन में अपना बयान दिया। पूछने पर बताया कि ऑडियो रिकार्डिंग का मूल डिवाइस पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के पास है। दोनों के बयान के आलोक में न्यायालय से पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को तीन नोटिस जारी किए गए, लेकिन योगेंद्र साव ने मूल डिवाइस देने में आनाकानी कर दी।

नहीं मिल सका एक भी नंबर का सीडीआर
कांड का अनुसंधान कर रही पुलिस तथाकथित धमकी में प्रयुक्त मोबाइल नंबरों के 10 जून 2016 व 11 जून 2016 के कॉल डिटेल्स रिकार्डिंग की मांग की थी। मोबाइल कंपनियों ने भी पुलिस को जवाब दे दिया कि उनके पास सीडीआर उपलब्ध नहीं है। सीडीआर से यह पता चल जाता कि 10 जून 2016 व 11 जून 2016 को या इससे पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार की बातचीत पूर्व मंत्री योगेंद्र साव या उनसे संबंधित लोगों से हुई या नहीं।


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