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पूर्व मंत्री बंधु तिर्की गिरफ्तार, 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के हैं आरोपित Ranchi News

Jharkhand. रांची में बुधवार को राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में एसीबी कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचे पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को गिरफ्तार कर लिया गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 01:49 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 05:39 PM (IST)
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की गिरफ्तार, 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के हैं आरोपित Ranchi News
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की गिरफ्तार, 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के हैं आरोपित Ranchi News

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपित पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को गिरफ्तार कर लिया गया है। वे बुधवार को राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट पहुंचे थे। वहां उन्‍हें भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो (एसीबी) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश एसीबी की टीम को दिया था। गिरफ्तारी के बाद बंधु तिर्की को भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो कोर्ट लाया गया। यहां उनसे घंटों पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद मेडिकल कराने के लिए बंधु तिर्की को सदर अस्‍पताल ले जाया गया। यहां उनकी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी जांच के बाद दोबारा रांची सिविल कोर्ट में पेश किया गया।
बंधु तिर्की 34वें नेशनल खेल घोटाला मामले में आरोपी हैं। साल 2011 में राष्ट्रीय खेल का आयोजन रांची में हुआ था। खेल घोटाला के आयोजन के पहले खेल सामग्री की खरीदी का ठेका देने में अनियमितता, निर्माण में गड़बड़ी आदि के मामले सामने आए। इसके बाद एसीबी ने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। आज रांची सिविल कोर्ट में अन्य मामले में पेशी के लिए पहुंचे तो एसीबी की टीम ने उन्‍हें गिरफ्तार किया। तारीख मिलने के बाद दोबारा एसीबी न्यायालय में पेश किया गया। यहां से बंधु तिर्की को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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बंधु तिर्की पर यह है आरोप

पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप है कि उन्होंने धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की। स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गई थी। कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का एस्टीमेट दिया था। इस प्रस्ताव पर आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गई थी। बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर 2008 को इसे अनुमोदित कर दिया था। इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी।


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