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आनलाइन से उचित मूल्यांकन संभव नहीं

शिक्षक होना बहुत ही गर्व का विषय है। छात्रों का मूल्यांकन करना करना आनलाइन संभव नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 08:29 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:29 AM (IST)
आनलाइन से उचित मूल्यांकन संभव नहीं

जागरण संवाददाता, रांची : शिक्षक होना बहुत ही गर्व का विषय है। छात्रों का मूल्यांकन करना कठिन विषय है लेकिन साथ ही साथ काफी महत्वपूर्ण भी। ऑनलाइन माध्यम से पठन-पाठन समय की मजबूरी बन गई है। हालांकि आनलाइन माध्यम से उचित मूल्यांकन होना संभव नहीं है। शिक्षक का कार्य राष्ट्र का कार्य है, भावी पीढि़यों का निर्माण व सेवा का कार्य है । शिक्षकों को सदैव प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन व क्विज इत्यादि पर ध्यान देना चाहिए। ये बातें झारखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा ने कही। वे मंगलवार को सरला बिरला विश्वविद्यालय में आइओईटीई एवं जेटीयू के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरला बिरला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गोपाल पाठक ने कहा कि जीवन में हर दिन नई चुनौतियां आती रहती हैं, उन चुनौतियों का सामना करने का साहस व क्षमता निर्माण ही एक सफल शिक्षक का कर्तव्य है। एक शिक्षक ही यह कर सकता है। शिक्षक के आचरण एवं उसके कार्य व्यवहार का प्रत्यक्ष प्रभाव उनके छात्रों पर अवश्य पड़ता है।

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विशिष्ट अतिथि आइईटीई रांची के निदेशक प्रो. केके ठाकुर ने कहा कि दुनिया में वांछित परिवर्तन के वाहक शिक्षक ही होते हैं। कुलसचिव प्रो. विजय कुमार सिंह ने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। मौके पर प्रो निलाचल, प्रो श्रीधर बी दंडीन, डा. राधा माधव झा, डा. संजीव कुमार सिन्हा, डा. संदीप कुमार, डा. भारद्वाज शुक्ल, डी. अम्बा सहित अन्य थे।


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