वनस्पति जगत में भी सूक्ष्मतम जीवों की महत्ता पर दिया जाता है बल
डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के वनस्पति विज्ञान विभाग में तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन हुआ।
जासं, रांची : डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के वनस्पति विज्ञान विभाग में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत की गई। ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के मूल विषयों पर आधारित इस सम्मेलन का उद्घाटन विशिष्ट अतिथियों ने किया। वक्ताओं ने इसमें उन्होंने मानव समाज, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी के अंतरसंबंध और संतुलन के विषय में विस्तार से बताया। शिक्षाविद प्रो केके नाग ने वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता मानवता को बताया। भावी पीढ़ी को सामूहिकता और मानवता को सामने रखकर प्रत्येक कार्य को करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि वनस्पति जगत में भी सूक्ष्मतम जीवों की महत्ता पर बल दिया जाता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विवि के पूर्व कुलपति और वर्तमान में उषा मार्टिन विवि रांची के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के अस्तित्व के लिए इस संगोष्ठी का विषय काफी प्रासंगिक है। इस अवसर पर सत्र के विशिष्ट अतिथि प्रो पी कौशिक, पूर्व विभागाध्यक्ष और डीन, गुरुकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार, डा. केएम पटेल, अध्यक्ष, ग्लोबल एग्रो बायोटेक, डा जे भांगले और डा एसके गुप्ता ने भी अपने विचार रखे। आयोजन सचिव सह कन्वेनर डा. ईश्वरी प्रसाद गुप्ता ने उद्देश्यों और लक्ष्यों को सामने रखा। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत विवि के डीएसडब्ल्यू डा. अशोक कुमार महतो और मंच संचालन डा शालिनी लाल ने किया। संगोष्ठी के आयोजन सचिव द्वारा डा ईश्वरी प्रसाद गुप्ता द्वारा अपने दादा एवं दादी और माता-पिता के नाम पर वनस्पति विभाग में गोल्ड मेडल देने की शुरुआत की गई। इसके तहत शिक्षाविद प्रो केके नाग और संजय कुमार को यह गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय स्तर पर वनस्पति विज्ञान में उल्लेखनीय कार्यों के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया गया। मौके पर कुलसचिव डा नमिता सिंह, डा रामलाल, प्रो कुनुल कंदीर, डा अशोक नाग, डा अपर्णा सिन्हा, डा विद्यान कुमारी, डा रश्मि मिश्रा, डा. गीतांजलि सिंह, डा राजीव रंजन, डा गणेश चंद्र बास्के, डा एसएम अब्बास, पीआरओ प्रो राजेश कुमार सिंह उपस्थित रहे।