Move to Jagran APP

बारिश में कटती रहेगी बिजली, अक्टूबर तक चलेगी मरम्मत

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में बिजली निगम की मरम्मत गले की फांस सी हो गई है। पहले मार्च तक मरम

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 05:04 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 05:04 PM (IST)
बारिश में कटती रहेगी बिजली, अक्टूबर तक चलेगी मरम्मत
बारिश में कटती रहेगी बिजली, अक्टूबर तक चलेगी मरम्मत

जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में बिजली निगम की मरम्मत गले की फांस सी हो गई है। पहले मार्च तक मरम्मत पूरी की जाने की बात हुई थी और और अब विभाग द्वारा अक्टूबर तक काम खत्म होने की बात की जा रही है। साफ है कि गर्मी के बाद अब बारिश में भी बिजली कटती रहेगी और बिजली के नाम पर लोगों का रोना जारी रहेगी। उद्योग से ले कर आम जनजीवन तक पर बिजली का का असर पड़ता रहेगा। हालांकि अक्टूबर तक मरम्मत हो जाने की बात पर भी कई सवाल उठते हैं।

loksabha election banner

बिजली वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता अजीत कुमार ने कहा कि बिजली समस्याओं के सुधार के लिए और शहर में बेहतर बिजली व्यवस्था बनाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि पुराने तार, इंसुलेटर और ट्रांसफार्मर को बदला जाए। इसके लिए शहर में मरम्मत कार्य चल रहा है जो कि इस साल के अक्टूबर तक खत्म हो जाएगा।

एक साल में केवल 40 फीसदी हुआ है कार्य :

राजधानी में मरम्मत कार्य को शुरु हुए एक साल से ज्यादा होने को है और अभी तक केवल 40 फीसदी कार्य किया गया है। विभाग के बयान के अनुसार केवल चार महीने में अब 60 प्रतिशत कार्य होना है जो कि असंभव है। कार्य के संपादन की जिम्मेवारी पॉली कैब और आईपीडीएस कंपनी को दी गई थी। दोनों कंपनियां अभी तक शहर में मरम्मत के नाम पर बिजली की तारों की बदली में ही लगे हैं। एक साल में अभी तक आधे शहर की भी तार नहीं बदली जा सकी है और अभी तो ट्रांसफार्मर लगने जैसे कई कार्य किए जाने बाकी हैं।

अंडरग्राउंड वाय¨रग की ओर नहीं है कोई ध्यान :

मरम्मत कार्य के ही अंतर्गत कई और भी कार्य किए जाने थे। उनमें से एक था अंडरग्राउंड केबलिंग। लेकिन इसके बारे में जब भी विभाग से सवाल किया गया है तो जवाब संतुष्टि जनक नहीं मिला है। कहा गया था कि जिन क्षेत्रों में भीड़-भाड़ ज्यादा होती है और जहां पोल के तारों को ज्यादा खतरा है वैसे स्थानों पर अंडरग्राउंड केबलिंग की जाएगी। लेकिन वर्तमान में शहर का एक भी क्षेत्र नहीं है जहां अंडरग्राउंड केबलिंग की जा चुकी हो या इसके लिए कार्य भी चल रहा हो।

उद्योगों पर पड़ेगा ज्यादा असर :

अगले चार महीनों में बिजली कट का सबसे ज्यादा प्रभाव उद्योगों पर पड़ेगा। राजधानी के उद्योग पहले ही बिजली की स्थिति के मारे हैं और अब विभाग द्वारा अक्टूबर तक मरम्मत होने के बयान से निश्चित ही उनकी कमर तोड़ने जैसा है। जिस दर से उद्योग का नुकसान हो रहा है और उद्योगपति परेशान हैं संभव है कि अक्टूबर तक कई उद्योगों के बंद होने की नौबत आ जाए। ज्ञात हो कि पिछले महीने शहर के उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, उनके उत्पादन मूल्य में पांच गुना तक की बढ़ोत्तरी हो गई थी। यह स्थिति बरकरार रही तो आने वाली बारिश उद्योगों के लिए काली रात की तरह होगी।

कितनी धीमी है मरम्म्त की गति :

- अक्टूबर तक शहर में लगने हैं कुल 2000 ट्रांसफार्मर, एक साल बीत जाने पर लगे हैं केवल 600।

- कुल 10 सबस्टेशन में से केवल चार बने हैं।

- शहर के 30 फीसदी क्षेत्र के भी नहीं बदले गए हैं तार।

- टूटे और टेढ़ें पोल को बदलने की शुरुआत नहीं हुई है।

- 10 फीसदी इलाके में भी नहीं बदल सके हैं इंसुलेटर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.