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शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस को मिली शाबाशी

Jharkhand. भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड पुलिस की पीठ थपथपाई। स्पेशल पुलिस आब्जर्वर ने भी आपसी समन्वय को सराहा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 07:47 PM (IST)
शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस को मिली शाबाशी
शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए झारखंड पुलिस को मिली शाबाशी

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष कराने के लिए झारखंड पुलिस व केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों के समन्वय की भारतीय निर्वाचन आयोग ने सराहना की है। आयोग ने झारखंड पुलिस की पीठ थपथपाई है और कहा है कि राज्य में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराना वास्तव में चुनौतीपूर्ण था, जिसे झारखंड पुलिस ने न सिर्फ स्वीकारा, बल्कि उसे बेहतर तरीके से कर दिखाया।

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पूर्व के चुनावों की तुलना में यह पहली बार है कि नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने झारखंड पुलिस को पत्र लिखकर बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के स्पेशल पुलिस आब्जर्वर सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी व मणिपुर के पूर्व डीजीपी मृणाल कांति दास तथा झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे व एडीजी ऑपरेशन मुरारी लाल मीणा को भी आपसी समन्वय बनाने और बेहतर रणनीति के तहत शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने पर बधाई दी है।

इधर, स्पेशल पुलिस आब्जर्वर मृणाल कांति दास दास ने भी डीजीपी कमल नयन चौबे व उनकी टीम को सहयोग करने और बेहतर समन्वय के लिए बधाई दी है। कहा है कि सबके सहयोग व अथक प्रयास से ही यह संभव हो पाया।

नक्सलियों ने इस बार भी खूब कोशिश की, लेकिन असर नहीं पड़ा

नक्सलियों ने झारखंड विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन इसका असर नहीं पड़ा। लातेहार जिले के चंदवे थाना क्षेत्र में स्थित लुकइया मोड़ के पास 22 नवंबर की रात भाकपा माओवादी रवींद्र गंझू के दस्ते ने हमला कर एक एएसआइ व होमगार्ड के तीन जवानों की शहादत लेकर दहशत फैलाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन, इसके बाद पुलिस की मुस्तैदी ने उन्हें दुबकने को विवश कर दिया। पुलिस ने इस केस को भी सफलतापूर्वक सुलझा लिया है और आरोपित दबोचे जा चुके हैं।

चुनाव के दौरान हुईं नक्सली वारदातें

  1. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ा में नक्सलियों ने बीएसएफ के दो जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए थे।
  2. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में दुमका के शिकारीपाड़ा में नक्सलियों ने चुनाव संपन्न कराकर लौट रही पोलिंग पार्टी की गाड़ी को उड़ा दिया था। इसमें पांच पुलिसकर्मी व तीन अन्य व्यक्ति मारे गए थे।
  3. लोकसभा चुनाव-2019 में नक्सलियों ने सरायकेला-खरसांवा में भाजपा के चुनावी कार्यालय को उड़ा दिया था।
  4. लोकसभा चुनाव -2019 में पलामू के हरिहरगंज में माओवादियों ने भाजपा के चुनावी कार्यालय को उड़ा दिया था।

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