विनोबा भावे विश्वविद्यालय का मामला : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर हाजिर होंगे शिक्षा सचिव
विनोबा भावे विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर का मामला। कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं मिला बकाया भुगतान। झारखंड हाई कोर्ट ने कहा है कि छह जनवरी तक आदेश का पालन नहीं हुआ तो सात जनवरी को शिक्षा सचिव को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।
रांची (राज्य ब्यूरो) : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रौशन की अदालत में विनोबा भावे विश्वविद्यालय से कई प्रोफेसर को सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलने पर दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि अगर छह जनवरी तक कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होता है तो सात जनवरी को शिक्षा सचिव को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। इस संबंध में महेश लाल दास सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने छठा वेतनमान जनवरी 2006 से लागू किया था, लेकिन विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 में छठा वेतनमान लागू किया गया। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन फरवरी 2021 को सभी प्रार्थियों को वर्ष 2006 से बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। इनमें से कई प्रार्थियों की उम्र जहां 80 के करीब हो गई है, वहीं कई की मृत्यु भी हो चुकी है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि शिक्षक और प्रोफेसर को सेवानिवृत्ति लाभ देने में आखिर सरकार को क्या परेशानी है।
लोक अदालत में पाएं त्वरित और सुलभ न्याय
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जागरूकता वाहन के जरिए बुंडू, सोनाहातू एवं तमाड़ के कई इलाकों में जाकर लोक अदालत के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान लोगों को बताया गया कि लोक अदालत से कई वादों का निबटारा किया जाता है और सुलभ एवं त्वरित न्याय मिलता है। 11 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में आपराधिक सुलहनीय मामले, दीवानी, श्रम, विवाह के बाद प्रताडऩा, पारिवारिक, उत्पाद के मामले, चेक बाउंस, वन विभाग से जुड़े वाद, बिजली बकाया, ट्रैफिक चालान, भूमि अधिग्रहण, मोटरयान, माप-तौल से संबंधित आदि विवादों को चिह्नित कर पक्षकारों को नोटिस भेजा जा रहा है। इसके अलावा बैंक ऋण से संबंधित मामलों में पक्षकारों को नोटिस कर अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन का लक्ष्य रखा गया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष अपरेश कुमार ङ्क्षसह ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोगों को न्याय प्रदान करने में डालसा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए।
दुष्कर्म के आरोपित को दस वर्ष की सजा
उधर रामगढ़ : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राधा कृष्ण की अदालत ने शनिवार को नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित पंचित महतो को दस वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि पीडि़ता को देने का आदेश निर्गत किया है। जुर्माना नहीं देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा का प्रविधान न्यायालय द्वारा किया गया है। रजरप्पा थाना क्षेत्र निवासी पंचित महतो उर्फ प्रेमचंद महतो को न्यायालय ने पोक्सो एक्ट की धारा के तहत यह सजा सुनाई है। 30 मार्च को घटी इस घटना से संबंधित मामला रजरप्पा थाना में दर्ज कराया गया था। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने कांड के आइओ चंद्रमा ङ्क्षसह सहित कुल नौ गवाहों का बयान न्यायालय के समक्ष दर्ज कराया। प्रस्तुत साक्ष्यों व अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दलीलों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित को मामले में दोषी पाते हुए सजा सुनाई।