नैक में 70 प्रतिशत अंक स्वतंत्र बाहरी निकाय तय करेगा
रांची विवि के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि अब नैक मूल्.यांकन में शामिल होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची विवि के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि अब नैक मूल्यांकन में विद्यार्थियों की भूमिका बढ़ गई है। नैक मूल्यांकन में समयानुकूल नए बदलाव हुए हैं। अब 70 प्रतिशत अंक स्वतंत्र बाहरी निकाय द्वारा तय होगा, जबकि 30 प्रतिशत अंक नैक टीम निर्धारित करेगी। वे शनिवार को निर्मला कॉलेज में एक्वेक के तत्वाधान में नैक प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इसका विषय मूल्यांकन एवं प्रमाणन की संशोधित प्रविधियों से नैक के स्वरूप में आए बदलाव था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजलि स्मिता एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. देवयानी राय ने किया। मौके पर प्रतिकुलपति डॉ. कामिनी कुमार, उप प्राचार्या सिस्टर शोभा, सुपीरियर सिस्टर, जीबी सेक्रेटरी सिस्टर लिडविन मेरी सहित अन्य थी। सर्वोतम होने से लेकर सर्वोतम करने में है विश्वास
प्राचार्या डॉ. सिस्टर ज्योति ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कार्यशाला से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। हम केवल सर्वोतम होने में ही नहीं, बल्कि सर्वोतम करने में भी विश्वास करते हैं। 24 कॉलेजों के नैक मूल्यांकन में शामिल डॉ. सिस्टर ज्योति ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का संतोषजनक जवाब दिया। मौके पर भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. देवयानी राय की पुस्तक ज्योग्राफी आफ झारखंड-लैंड, इकोनॉमी एंड पीपल का विमोचन किया।
टेक्निकल सत्र में सरगुजा विवि के कुलपति प्रो. रोहिणी प्रसाद ने नैक के स्वरूप और उसके विविध पक्षों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसी विवि या कॉलेज को नैक मूल्यांकन के लिए क्यूं जाना चाहिए। सेलेस्यिन कॉलेज के पैट्रिक जॉन्सन ने नैक की संशोधित मूल्यांकन पद्धति में इन्फोर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी के महत्व को बताया।