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Migrant Workers Back Home: प्लेन से रांची लाए गए लेह में फंसे मजदूर, CM हेमंत ने किया स्वागत

लेह के बटालिक से रांची पहुंचे दुमका के 60 मज़दूरों से सीएम हेमंत सोरेन ने मुलाकात की। ये सभी प्रवासी मजदूर इंडिगो के दिल्ली-रांची विमान से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:57 AM (IST)
Migrant Workers Back Home: प्लेन से रांची लाए गए लेह में फंसे मजदूर, CM हेमंत ने किया स्वागत
Migrant Workers Back Home: प्लेन से रांची लाए गए लेह में फंसे मजदूर, CM हेमंत ने किया स्वागत

रांची, जासं। सुदूर इलाकों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से किया जा रहा प्रयास लगातार असर दिखा रहा है। एक दिन पहले ही मुंबई से प्लेन से 174 प्रवासी मजदूर लॉ एलुमिनी के सहयोग से प्लेन से रांची पहुंचे। वहीं शुक्रवार शाम लेह के बटालिक से दुमका के 60 प्रवासी मजदूर इंडिगो के दिल्ली-रांची विमान से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचे। ये सभी मजदूर लेह-करगिल और बटालिक सेक्टर में बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ)  की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्य में जुटे थे। इन मजदूरों ने हेमंत सोरेन से घर वापसी में मदद करने के लिए अनुरोध किया था।

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इसके बाद से हेमंत लगातार बीआरओ और लेह प्रशासन के संपर्क में थे। इसके बाद उन्हें प्लेन से झारखंड लाने की व्यवस्था बनी। मजदूरों के प्लेन के किराये के मद में आठ लाख रुपये का भुगतान सरकार की ओर से किया गया है। इन मजदूरों को बीआर व कुछ अन्य संगठनों के सहयोग से गोर्गोडोह गांव, बटालिक, लेह व कारगिल इलाके से लिफ्ट करा लाया गया।  इसके साथ ही झारखंड मजदूरों को एयरलिफ्ट करा घर लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके पहले 1 मई को पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन भी झारखंड ही पहुंची थी।

मजदूरों के रांची पहुंचने पर एयरपोर्ट टर्मिनल के अंदर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों को गुलाब फूल देकर स्वागत किया। फेसशील्ड पहने मजदूर एक हाथ में खाने का पैकेट व दूसरे हाथ में बोरे में बंद अपना सामान लेकर टर्मिनल से बाहर निकले। एयरपोर्ट पर कई लोग अपने परिजनों को लेने पहुंचे थे। कई मजदूर सि‍र पर गठरी लिये चल रहे थे।

कभी नजदीक से भी नहीं देखा था विमान ....

टर्मिनल से बाहर आ रहे प्रवासी मजदूर लाल बाबू महली ने बताया कि उन्होंने अब तक हवाई जहाज नजदीक से नहीं देखा था। कभी सोचते भी नहीं थे कि हवाई जहाज पर यात्रा कर पाएंगे। यह मौका मिला, लेकिन संकट की घड़ी में। प्लेन ने उड़ान भरी तो बहुत मजा आया। दो महीने के इंतजार के बाद अब घर पहुंच गए तो ऐसा लग रहा है मानो स्वर्ग पहुंच गए। रोजी-रोटी की जुगाड़ में किसी प्रकार ट्रेन व बस के सहारे लेह तक पहुंचे थे। प्लेन से लौटेंगे ये सोचा नहीं था।

प्रवासी मजदूर राजकिशोर मरांडी ने बताया कि पिछले आठ माह से वे लेह में सड़क निर्माण का काम कर रहे थे। लॉकडाउन में किसी प्रकार भात-दाल खाकर दिन कटा। यह भी नहीं सोचा था कि संकट की इस घड़ी में उन्हें कोई उनके घर तक पहुंचाएगा। प्रवासी मजदूर प्रधान टुडू ने बताया कि लेह में जहां वे सड़क निर्माण का काम कर रहे थे, वहां कुल 120 मजदूर थे। दुमका से आए अन्य मजदूर भी वहीं काम कर रहे थे। प्रवासी मजदूर राजू कर्मकार ने बताया कि फिलहाल उन्हें अपने घर पहुंचना है। काम की तलाश में दोबारा परदेस जाएंगे या नहीं, इस बारे में अब तक कुछ भी नहीं सोचा है।

इधर, जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को दुमका पहुंचाने के लिए एयरपोर्ट पर दो बसों की व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर उपायुक्त राय महिमापत रे, एसएसपी अनीश गुप्ता, सिटी एसपी सौरभ कुमार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

शुक्रवार की लेह के बटालिक से दुमका के 60 प्रवासी मजदूर इंडिगो के दिल्ली-रांची विमान से बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। झारखंड के मुख्‍यमंत्री ने इस दौरान एयरपोर्ट पहुंचकर इन प्रवासियों का अपनी धरती पर स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकार अपने एक भी प्रवासी को असहाय हालत में नहीं छोड़ेगा। जल्‍द ही अंडमान से भी मजदूरों को लाया जाएगा। ये प्रवासी मजदूर पहले लेह से दिल्ली, दिल्ली से रांची और फिर रांची से दुमका जा रहे हैं। इन 60 मजदूरों को एयरलिफ्ट करने वाला झारखंड देश का पहला पहला राज्य बन गया है।

जानकारी के अनुसार लेह के बटालिक से दोपहर 12 बजे स्पाइस जेट विमान से इन 60 मजदूरों को दिल्ली के लिए रवाना किया गया। लगदभग दो बजे सभी मजदूर स्पाइस जेट विमान से दिल्ली पहुंचे। वहां से इंडिगो के दिल्ली-रांची विमान से सभी प्रवासी मजदूर रांची आए हैं। अब उन्हें बस से रांची से दुमका भेजा गया है। एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि सभी मजदूर बतौर यात्री इंडिगो के विमान से दिल्ली से रांची आ रहे हैं।

लेह से लौटे प्रवासी मजदूरों का दर्द बांटते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे लिए दुख का विषय है कि हमारे मजदूर पलायन करने को विवश हैं। उन्‍होंने कहा कि बाहर फंसे मजदूरों को ट्रेन, फ्लाइट से झारखंड लाया जा रहा है। उन्हें सकुशल घर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। यह हम सबके लिए अच्छी बात है। सबको मिलजुलकर प्रयास करना चाहिए ताकि प्रवासियों की सुरक्षित घर वापसी हो सके।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट में हवाई जहाज से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का स्वागत किया और उनका हाल जाना।  लेह -लद्दाख से हवाई मार्ग के जरिये वापस लाए गए प्रवासी मजदूर अपने बीच सीएम को पाकर बेहद खुश दिखे। सीएम ने कहा कि अब अंडमान से हवाई जहाज से प्रवासी मजदूर वापस आएंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने लेह से अभी रांची पहुंचे श्रमिकों का स्वागत बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर किया। उनकी कुशलता जानी। उन्हें दिये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा। श्रमिक भी अपने बीच मुख्यमंत्री को देख प्रफुल्लित हुए बिना नहीं रह सके। मुख्यमंत्री ने कहा यह खुशी का पल है। लेह जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र से श्रमिक भाई आज हवाई मार्ग से अपने राज्य वापस आये हैं। सभी को मेरा जोहार एवं धन्यवाद।

सभी प्रवासी मजदूरों को  जल्द से जल्द वापस लाने की मुहिम में जुटी है सरकार

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज रात बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची में लेह  लद्दाख से हवाई जहाज से  लौटने वाले   प्रवासी मजदूरों का स्वागत किया l  इस मौके पर  उन्होंने प्रवासी मजदूरों से बातचीत कर उनका हालचाल भी जाना l उन्होंने कहा कि हवाई जहाज से  प्रवासी मजदूरों को  विधिवत तरीके से  लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है l अब अंडमान में  फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को भी हवाई मार्ग से झारखंड लाने की पहल की जा रही है l मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे इलाकों  जहां  ट्रेन अथवा अन्य परिवहन  साधनों के विकल्प सीमित है, वहां से प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाया जाएगा l इस सिलसिले में राज्य के अधिकारी केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं l

हवाई मार्ग से मजदूरों को वापस लाने की झारखंड ने सबसे पहले की थी मांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से लाने  के लिए लगातार प्रयासरत थी l इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अनुमति देने के लिए कई बार पत्र लिखा गया था l मुझे खुशी है कि झारखंड में प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाने का सिलसिला शुरू हुआ है  l मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने सबसे पहले हवाई जहाज से मजदूरों को वापस लाने की मांग केंद्र सरकार से की थी l

सभी प्रवासी मजदूरों को वापस लाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को  सकुशल और सुरक्षित लाने का सिलसिला तब तक जारी रहेगा , जब तक सभी वापस नहीं आ जाते l अब तक राज्य में विशेष ट्रेनों और  बसों के माध्यम से लगभग 4.5 लाख मजदूरों को वापस लाया जा चुका है l इसके अलावा अपने राज्य वापस  आगे के इच्छुक मजदूरों को हर हाल में जल्द से जल्द वापस लाएंगे l मुख्यमंत्री ने बताया कि उन राज्यों से हमारी सरकार लगातार संपर्क में हैं जहां प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं l उन राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे इन मजदूरों को वापस भेजने में सहयोग करें l  इस मौके पर विधायक श्री नवीन जयसवाल मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद रांची के उपायुक्त श्री राय महिमापत रे और वरीय पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता मौजूद थे l


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