रेलवे के फैसले से लोगों को घरों में कैद होने की आशंका, मान-मनौव्वल में जुटा रेलवे प्रशासन
पांच महीने के बाद चारदीवारी निर्माण शुरू किए जाने और कई लोगों के घरों में कैद हो जाने के भय सताने लगा है। विधायक के आश्वासन से हर्षित लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलकने लगी है। गुरूवार को स्थानीय लोग निर्माण स्थल के समीप जुटे
लातेहार, जासं। रेल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे चारदीवारी निर्माण के विरोध और ग्रामीणों के बुलावे के बीच लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम 14 सितंबर 2021 को अपने समर्थकों के साथ अलौदिया के विवादित स्थल पहुंचे थे। हो रही बारिश के बीच ग्रामीणों से वार्ता के बाद स्थानीय रेल प्रबंधन से वार्ता की थी। जहां मौजूद रेल प्रबंधन के तिग्गा ने बताया था कि रेल प्रबंधन के वरीय निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है। जिस पर विधायक ने रेल के वरीय प्रबंधन से वार्ता कर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया था। यह भी कहा था कि ग्रामीण रास्ता के लिए जमीन छोड़ दें वो अपने फंड से वो उक्त आवागमन पथ पर पीसीसी का निर्माण करवा देंगे।
लोगों को घरों में कैद होने का डर
पांच महीने के बाद चारदीवारी निर्माण शुरू किए जाने और कई लोगों के घरों में कैद हो जाने के भय सताने लगा है। विधायक के आश्वासन से हर्षित लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलकने लगी है। गुरूवार को स्थानीय लोग निर्माण स्थल के समीप जुटे और विधायक के साथ की गई वार्ता के साथ ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए उनके आवागमन के लिए रास्ता देने की मांग की। रेल प्रबंधन के साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा सार्थक पहल कर रास्ता दिलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
अलौदिया गांव के ग्रामीणों ने रेल प्रबंधन द्वारा चारों ओर से किए जा रहे बाउंड्री निर्माण का विरोध जताया है। आशा देवी, सरिता देवी समेत कई अन्य लोगों का कहना कि जिस तरह रेल प्रबंधन द्वारा बाउंड्री निर्माण कार्य किया जा रहा है वह वहां निवास करनेवाले लोगों को जेल में कैद करने के बराबर है। यदि ग्रामीणों के आवागमन के लिए रास्ता नहीं छोडा गया तो कई लोग घरों में कैद होकर रह जाएंगे। उनके बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाएगा। शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्य के बीच कई परेशानियां आएगी।
घरों तक वाहनों को पहुंचने में होगी परेशानी
एंबुलेंस भी उनके घरों तक नहीं पहुंच पाएगी। किसी की मौत के बाद उसके शव को बाहर निकालने में भी परेशानी आएगी। यदि कहीं आगजनी हो गई तो अग्निशमन वाहन भी नहीं पहुंच पाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि चारों तरफ से रास्ता बंद कर ग्रामीणों को घरों में कैद करना कहां का न्याय है। कम से कम निकास के लिए रास्ता तो देना ही चाहिए। मौके पर सुगवा देवी, मुनिया देवी, मुलिया देवी, राजेश भुइयां, मनोज भुइयां, बिरजिया देवी, सरिता देवी, गुड्डू देवी, संगीता देवी, बीणा देवी, जितेंद्र राम, समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे। चारदीवारी का निर्माण करा रहे प्रतिनिधि ने कहा कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश के आधार पर कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों को प्रबंधन से वार्ता करनी चाहिए।