Drone Tracked Location: ड्रोन ने बताया लोकेशन, नाले में बहे अजय अग्रवाल का 48 घंटे बाद दलदल में फंसे शव को निकाला गया बाहर
Drone Tracked Location 15 सितंबर को नाले में बहे फल व्यवसायी अजय अग्रवाल का शव ड्रोन की सहायता से खोज निकाल लिया गया। पंडरा के अंबानगर में जिस जगह से अजय अग्रवाल नाले में बह गए थे वहां से लगभग डेढ़ किमी की दूरी पर शव मिला है।
रांची,जासं। 15 सितंबर को नाले में बहे फल व्यवसायी अजय अग्रवाल का शव ड्रोन की सहायता से खोज लिया गया। पंडरा के अंबानगर में जिस जगह से अजय अग्रवाल नाले में बह गए थे, वहां से लगभग डेढ़ किमी की दूरी पर दलदल वाले क्षेत्र से शव मिला है। शव को बाहर निकाल लिया गया है। एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम ने काफी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला। पंडरा ओपी प्रभारी ने बताया कि जहां से शव मिला वहां काफी दलदल है। इसलिए वहां तक पहुंचने के लिए बांस की चचरी डाली गई। एक घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम ने शव को बाहर निकाला।
बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चल रहा था। तब अजय अग्रवाल के स्वजनों ने ड्रोन मंगवाया। रामगढ़ से किसी एजेंसी के जरिए ड्रोन मंगवाया गया, तब जाकर पता चल सका। अजय अग्रवाल की बेटी अंकिता उर्फ अंकू अग्रवाल ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि जहां से पापा नाले में गिरे थे, उसके थोड़ा आगे खेत से ड्रोन उड़ाया गया। लगभग एक किमी तक ड्रोन से खोजबीन हुई, पर पता नहीं चला। लेकिन वहां से आगे बढ़ने पर दलदली वाला क्षेत्र है। वहां से आगे ड्रोन को उड़ाया गया तब पता चल सका।
रोज इसी रूट से फल बेचने जाते थे अजय अग्रवाल
जहां घटनास्थल है उसी रूट से अजय अग्रवाल रोज आते-जाते थे। साइकिल से फल बेचते थे। अंकू अग्रवाल ने बताया कि घर के कमाऊ सदस्य वही थे। उनकी दो बेटियों की शादी हो चुकी है। एक बेटी और एक बेटा है जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। अंकू अग्रवाल ने बताया कि जिस जगह घटना हुई है वहां पहले भी चार-पांच हादसे हो चुके हैं। नगर निगम इस तरह नाले को खुला नहीं छोड़ती तो आज पापा की जान बच जाती। उसने सरकार से नौकरी और मुआवजा देने की मांग की है।