चौंकिए मत! रिम्स में फार्मासिस्ट की जगह चतुर्थवर्गीय कर्मचारी बांट रहे दवा
रम्स के दवा वितरण दुकानों में फार्मासिस्ट की जगह चतुर्थवर्गीय कर्मचारी मरीजों को दवा दे रहे हैं।
जासं, रांची : रिम्स के दवा वितरण दुकानों में फार्मासिस्ट की जगह चतुर्थवर्गीय कर्मचारी मरीजों को दवा दे रहे हैं। जबकि यहां पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गई है। लेकिन रिम्स के अंदर मौजूद निश्शुल्क दवा वितरण केंद्र में चतुर्थ वर्गीय कर्मी दवा दे रहे हैं और रिम्स परिसर में मौजूद प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर दवा दे रहे हैं। जबकि नियमित दवा देने का काम सिर्फ फार्मासिस्ट का ही है। इधर दोनों काउंटर में फार्मासिस्ट के रहने के बाद भी मरीजों से ये कर्मी पर्ची लेकर खुद दवा देते हैं, जबकि फार्मासिस्ट की ओर से कोई जांच नहीं की जाती। इन कर्मचारियों के भरोसे छोड़ चले जाते हैं फार्मासिस्ट : इन दुकानों में जिन फार्मासिस्ट को नियुक्त किया गया है वे इन कर्मचारियों के भरोसे दुकान चलवाते हैं। वे दुकान इनके भरोसे ही छोड़कर चले जाते हैं। जन औषधि केंद्र में नियुक्त एक फार्मासिस्ट से जब इस पर बात की गई तो उनका कहना था कि फार्मासिस्ट की संख्या दुकान में कम दी गई है और अपनी डयूटी समाप्त होने के बाद कौन दवा देगा यह देखना प्रबंधन का काम है। इसके लिए प्रबंधन ही जिम्मेवार है। जबकि प्रबंधन ने बताया कि जन औषधि केंद्र के लिए 11 फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गई है। कुछ दिनों से रात में बंद होती रही दुकान, स्टॉफ ने काम करने से किया इनकार : जन औषधि केंद्र खुलने के साथ ही विवादों में आ चुका है। 15 दिन पहले दुकान 24 घंटे खोले जाने का निर्देश दिया गया। लेकिन रात में यह दुकान कुछ दिनों तक खुली ही नहीं। इससे रात में मरीजों को दवा मिली ही नहीं। रात्रि सेवा के लिए जिस फार्मासिस्ट को लगाया गया था उसने काम करने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद प्रबंधन ने फिर से रोस्टर डयूटी जारी कर डेंटल कॉलेज के एक फार्मासिस्ट को डयूटी पर लगाया है। जबकि डयूटी नहीं करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर इस तरह से दवा वितरण का काम हो रहा है तो यह बहुत गंभीर बात है। मरीजों की दवा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। मरीजों को दवा देने की जिम्मेवारी सिर्फ फार्मासिस्ट को है, ना कि अन्य कर्मचारियों को। उन्होंने बताया कि इसकी जांच करायी जाएगी, अगर इसमें कोई दोषी पाए जाते हैं उस पर कार्रवाई की जाएगी।
डा. राकेश, मेडिकल ऑफिसर, रिम्स।