सीने में तेज दर्द से छटपटा रही थी महिला, RIMS के डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी
रिम्स में डॉक्टरों ने एक मरीज के आर्टरी में जमे कैल्शियम को तोड़कर जटिल एंजियोप्लास्टी की। जिसके बाद मरीज में स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या देखने को नहीं मिली है।
रांची, जेएनएन। राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के चिकित्सकों ने पहली बार आर्टरी में जमे कैल्शियम को तोड़ते हुए जटिल एंजियोप्लास्टी की। एंजियोप्लास्टी इतनी जटिल थी कि थोड़ी-सी भी लापरवाही में मरीज की जान जा सकती थी। रोटा एबलेशन पद्धति से मरीज की आर्टरी में जमे कैल्शियम को तोड़कर स्टेंट लगाया गया। कैल्शियम पत्थर की तरह जम जाता है, जिस कारण स्टेंट डालना और बैलून लगाना संभव नहीं हो पाता है। बताया गया कि पलामू की आयशा बीबी (60) की आर्टरी में कैल्शियम जमा हुआ था। सीने में तेज दर्द के साथ वह अस्पताल पहुंची थी।
रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने यह एंजियोप्लास्टी की। चिकित्सक ने बताया कि कई बार ब्लॉकेज में कैल्शियम की परत जम जाती है, जो पत्थर की तरह हार्ड हो जाता है। ऐसे में उसे तोड़कर स्टेंट लगाया जाता है। इससे पहले एक-दो दफा ऐसी समस्या से निदान पाने के लिए रिम्स ने बाहरी चिकित्सक से मदद ली थी। उन्होंने बताया कि एंजियोग्राफी के दौरान इसकी पहचान हो पाती है। इसके लिए डाई डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। अमूमन यह समस्या 30 फीसद लोगों में देखने को मिलती है। बताया कि एंजियोप्लास्टी के बाद मरीज में स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या नहीं देखने को मिली है।