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साधना करें और मन को स्थिर रखें, कोरोना महामारी में आत्‍मबल बनाए रखें

Jharkhand News Hindi Samachar कोरोना महामारी में मन को स्थिर कैसे करें विषय पर हिंदू जनजागृति समिति के सद्गुरु नंदकुमार जाधव ने ऑनलाइन अपने विचार रखे। कहा कि मन को सकारात्मक ऊर्जा देने वाली उपचार पद्धति को लोगों को अपनाना चाहिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 01:39 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 01:43 PM (IST)
साधना करें और मन को स्थिर रखें, कोरोना महामारी में आत्‍मबल बनाए रखें
Jharkhand News, Hindi Samachar मन को सकारात्मक ऊर्जा देने वाली उपचार पद्धति को लोगों को अपनाना चाहिए।

रांची, जासं। Jharkhand News, Hindi Samachar कोरोना काल में अपने मन को स्थिर कैसे रखें और कोरोना महामारी से किस तरह अपना बचाव करें। इस बारे में हिंदू जनजागृति समिति के सद्गुरु नंदकुमार जाधव ने अपने विचार रखे। उन्होंने ऑनलाइन विशेष संवाद में लोगों के सामने कोरोना से छुटकारा हासिल करने का अपना आध्यात्मिक दृष्टिकोण व्यक्त किया। फेसबुक और यूट्यूब के जरिए 12956 लोगों द्वारा देखे गए इस कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी ही नहीं बल्कि अन्य प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपत्तियों के पीछे का मूल कारण अधर्म आचरण है।

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लोग धर्म के खिलाफ आचरण करने लगे हैं। पृथ्वी पर आध्यात्मिक प्रदूषण बढ़ गया है। इसी का परिणाम संपूर्ण समाज भोग रहा है। ऐसे में गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। गीता में भगवान कृष्ण ने बताया है कि मेरे भक्तों का कभी भी नाश नहीं होता। इसलिए कोरोना के इस दौर में लोगों को साधना कर ईश्वर का भक्त बनना चाहिए। अगर सभी व्यक्ति धर्म के अनुसार आचरण करें तो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है।

सद्गुरु नंदकुमार जाधव ने आगे कहा कि कोरोना काल में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों में बेड, इंजेक्शन और ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। यह एक भयंकर स्थिति है। ऐसे में लोगों के अंदर भय व्याप्त है। लोग तनाव में हैं। इसलिए लोगों को साधना करनी चाहिए, ताकि आत्मबल में वृद्धि हो और लोगों का दिमाग स्थिर रह सके। हरियाणा के वैद्य भूपेश शर्मा ने कहा कि हजारों साल पहले महर्षि चरक ने आयुर्वेद में लिखा है कि अपेक्षा के कारण दुख होता है और दुख के कारण रोग होता है। विदेशों में चर्म रोग से संबंधित शोध में सामने आया है कि मानसिक कष्ट के कारण रोग ठीक होने में समय लगता है।

इसलिए प्रत्येक रोग पर शारीरिक उपचार के अलावा मानसिक और आध्यात्मिक उपचार भी करना चाहिए। पश्चिमी जीवन पद्धति छोड़कर हमें भारतीय जीवन पद्धति अपनाना चाहिए। प्रतिदिन योगासन, प्राणायाम आदि करना चाहिए। संवाद को संबोधित करते हुए हिंदू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य के समन्वयक आनंद जाखोटिया ने कहा कि जापान में कोरोना काल में आत्महत्या की संख्या बढ़ी है। भारत में भी वैसी ही स्थिति है। निरंतर बढ़ता तनाव उसका मूल कारण है। इसलिए मन को सकारात्मक ऊर्जा देने वाली उपचार पद्धति को लोगों को अपनाना चाहिए। इससे हजारों लोग तनाव मुक्त हुए हैं। लोगों को साधना करनी चाहिए।


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