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Diwali 2020: चीनी उत्‍पादों को मात दे रहा गोबर व मिट्टी से बना दीया, बनाने में जुटीं एकल की 10 हजार से अधिक महिलाएं

Diwali 2020 राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की सहयोगी संस्‍था एकल अभियान की महिलाएं दीपावली के लिए मिट्टी और गाय के गोबर से हर स्तर की दीपक तैयार कर रही हैं। इस काम में पूरे देश में 10000 से अधिक महिलाएं लगी हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 04:10 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 05:04 PM (IST)
मिट्टी व गोबर से तैयार दीए। जागरण

रांची, [संजय कुमार]। एकल अभियान से जुड़ी महिलाएं दीपावली के लिए एक से बढ़कर एक मिट्टी व गाय के गोबर से दीये, झालर, लड़ी और सजावट के सामान आदि तैयार करने में लगी हैं। बाजार में मांग पूरा करने के लिए ये महिलाएं रात-दिन काम कर रही हैं। इनके द्वारा तैयार सामान के सामने चीनी उत्पाद भी फीका पड़ जा रहा है। इस काम में पूरे देश में 10000 से अधिक महिलाएं लगी हैं।

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ये सभी महिलाएं एकल अभियान के ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र द्वारा झारखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान व गुजरात में संचालित 22 केंद्रों पर काम कर रही हैं। ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र के राष्ट्रीय संयोजक व एकल अभियान के सह अभियान प्रमुख ललन शर्मा ने बातचीत में कहा कि हमलोग पूरे देश में स्वदेशी और स्वावलंबन को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रयास है कि दीपावली पर चीनी उत्पादों के मुकाबले अपने देश में अच्छे से अच्छे उत्पाद तैयार किए जाएं, ताकि लोगों को सामान पसंद आए। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचे और लोकल फाॅर वोकल को बढ़ावा दिया जाए।

अबकी दीपावली गोमय दीपक एवं धूपबत्ती वाली

ललन शर्मा ने कहा कि हम सब जानते हैं कि दैनिक जीवन में गौ माता का महत्व कितना है। इसीलिए एकल ने अपने ग्रामोत्थान योजना के तहत गाय के गोबर से धूपबत्ती एवं दीपक का निर्माण करने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रशिक्षण देने का काम भी चल रहा है। यह पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसलिए इस बार दीपावली पर धूपबत्ती एवं दीपक का निर्माण ग्रामोत्थान संसाधन के कई केंद्रों पर करवाया जा रहा है। समाज के सभी लोगों से आग्रह है कि हम सब मिलकर इस दीपावली को गोमय धूपबत्ती एवं दीपक से जगमग करें और पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें।

महिलाओं को हो रही अच्छी आमदनी

ग्रामोत्थान योजना के तहत झारखंड में करंजो, गिरिडीह व बोकारो, उत्तर प्रदेश में प्रयागराज व नेमिसारण, मध्यप्रदेश में खरगोन, हैसंगाबाद व इंदौर, महाराष्ट्र में मुंबई के वाडा व नासिक और राजस्थान के भरतपुर सहित अन्य केंद्रों पर दीपक व दीपावली में उपयोग में आने वाले अन्य सामान को तैयार किया जा रहा है। इससे जुङकर महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

ललन शर्मा ने कहा कि एकल अभियान से पूरे देश में छह लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं। सभी परिवारों में चीनी सामान का पूरी तरह बहिष्कार किया गया है। विजयादशमी के दिन एकल के आह्वान पर 43 लाख परिवारों में सुंदरकांड का पाठ हुआ था। इस दीपावली पर उन सभी परिवार के लोगों से आग्रह है कि स्वदेशी सामान खरीदें और देश को आगे ले जाने में अपना योगदान दें।


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