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बच्चों को कैसे मिले पुष्ट भोजन, MDM की समीक्षा को उपायुक्तों के पास फुर्सत ही नहीं Ranchi News

Jharkhand. मुख्‍य सचिव के अनुसार मध्याह्न भोजन की समीक्षा के लिए नियमित बैठक किया जाना है। लेकिन राज्‍य के 16 जिलों में पिछले 4 माह में एक भी बैठक नहीं हुई।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 08:46 AM (IST)
बच्चों को कैसे मिले पुष्ट भोजन, MDM की समीक्षा को उपायुक्तों के पास फुर्सत ही नहीं Ranchi News
बच्चों को कैसे मिले पुष्ट भोजन, MDM की समीक्षा को उपायुक्तों के पास फुर्सत ही नहीं Ranchi News

रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। राज्य के नौनिहालों को पुष्ट और सुरक्षित मध्याह्न भोजन कैसे मिले? इसके लिए संचालित मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) योजना की समीक्षा के लिए उपायुक्तों और अन्य अधिकारियों के पास समय नहीं है। योजना के तहत जिला स्तर पर गठित स्टीयरिंग कम मॉनीटरिंग कमेटी की हर माह बैठक होनी अनिवार्य है। लेकिन, स्थिति यह है कि राज्य के 16 जिलों में पिछले चार माह (अप्रैल से अगस्त) में एक बैठक तक नहीं हुई। ये कमेटियां उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित हैं।

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जिस राज्य में लगभग आधे बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं, उस राज्य की यह स्थिति है। जिलों से राज्य सरकार को मिली रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से अगस्त माह तक 16 जिलों में किसी माह बैठक नहीं हुई। वहीं, शेष आठ जिलों में चार माह में एक या दो बैठकें ही हो सकीं। अप्रैल तथा मई माह में तो किसी भी जिले में बैठक नहीं हुई। इसमें सीधे तौर पर उपायुक्तों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों की लापरवाही प्रतीत होती है। बता दें कि इन कमेटियों का कार्य योजना की निगरानी व समीक्षा करना तथा इसकी बेहतरी के लिए कार्य करना है।

16 जिलों के एक भी प्रखंड में बैठक नहीं

प्रखंड स्तरीय स्टीयरिंग कम मॉनीटरिंग कमेटी की बैठकों की स्थिति तो और भी खराब है। रांची जिले की ही बात करें, तो इसके 20 प्रखंडों में चार माह में महज एक प्रखंड में एक बैठक अगस्त माह में हो सकी। 16 जिले ऐसे हैं, जहां चार माह में एक भी प्रखंड में बैठक नहीं हो सकी। इनमें रामगढ़, गढ़वा, लातेहार, पलामू, खूंटी, लोहरदगा, गुमला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, कोडरमा, गिरिडीह, दुमका तथा साहिबगंज शामिल हैं। अन्य जिलों में भी एक एक से चार प्रखंडों में ही बैठकें हो सकीं।

इन जिलों में चार माह में नहीं हुई एक भी बैठक :

गुमला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पलामू, लातेहार, गढ़वा, हजारीबाग, रामगढ़, धनबाद, बोकारो, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़ तथा देवघर।

इन जिलों में एक या दो बैठक

रांची : जुलाई, खूंटी : जुलाई, अगस्त, लोहरदगा : जून, अगस्त, सिमडेगा : अगस्त, कोडरमा : अगस्त, चतरा : अगस्त, गिरिडीह : अगस्त, गोड्डा : जुलाई तथा अगस्त।

मुख्य सचिव नाराज, नियमित बैठक का आदेश

मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने जिला व प्रखंड स्तर पर गठित स्टीयरिंग कम मॉनीटरिंग कमेटियों की नियमित बैठक नहीं होने पर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को नियमित बैठक करने तथा तीन माह पर योजना की गहन समीक्षा का सख्त आदेश दिया है। साथ ही, प्रखंड स्तरीय कमेटी की बैठक प्रत्येक माह सुनिश्चित करने को कहा है।


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