DGP केएन चौबे ने सभी जिलों के एसपी संग की बैठक, अपराध नियंत्रण के लिए मुश्कें कसेगी पुलिस
पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने वरीय अफसरों के साथ सभी जिलों के एसपी के साथ देर तक बैठक की। इस दौरान उन्होंने विधि-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने को लेकर सख्ती का निर्देश दिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में चुनाव की आहट के बीच डीजीपी केएन चौबे ने पुलिस महकमे की चूलें कसनी शुरू कर दी हैं। शनिवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने वरीय अफसरों के साथ सभी जिलों के एसपी के साथ देर तक बैठक की। इस दौरान उन्होंने विधि-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने को लेकर तमाम उपायों को सख्ती से लागू करने की हिदायत दी। चुनावी तैयारियों के साथ ही अपराध नियंत्रण को लेकर पेट्रोलिंग बढ़ाने तथा एरिया डोमिनेशन को लेकर भी उन्होंने सभी पुलिस धीक्षकों को चेताया। वरीय अफसरों साथ अपराध पर लगाम कसने और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के क्रम में डीजीपी ने त्योहारों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने, लाइसेंसी हथियार जमा कराने और वारंटियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।
नए दारोगा से पुलिस मुख्यालय को बहुत उम्मीदें, बेहतर इस्तेमाल का आदेश
राज्य के नए दारोगा से पुलिस मुख्यालय को बहुत उम्मीदें हैं। करीब 2500 नए दारोगा प्रशिक्षण के बाद झारखंड के विभिन्न थानों में योगदान दे चुके हैं। इनमें 550 इंजीनियर्स हैं। अपराध व नक्सल मुक्त झारखंड में इनका बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा। सभी एसपी को यह आदेश दिया गया है कि नए दारोगा को बेहतर व प्रभावी प्रशिक्षण दिलाएं, ताकि ये झारखंड पुलिस की बेहतर छवि पूरे देश में कायम कर सकें। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कमल नयन चौबे ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में दी। वे पुलिस मुख्यालय में सभी जिलों के एसपी व सभी रेंज डीआइजी, केंद्र सरकार के बल तथा गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
डीजीपी ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य की विधि-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक थी। नक्सल विरोधी अभियान की समीक्षा की गई। नक्सली अंतिम पड़ाव पर हैं, इन्हें कैसे खत्म करना है, इसकी रणनीति तैयार की गई है। वहीं, नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ अपराध विरोधी अभियान को भी तेज करने का निर्देश दिया गया है। राज्य में आपराधिक गतिविधियां थमे, यह जरूरी है। न्यायालय में अपराधियों को ज्यादा से ज्यादा सजा कैसे मिले, इसपर मंथन किया गया। बेहतर अनुसंधान जरूरी है। बैठक में इसका रोड मैप तैयार किया गया है।
थाना पुलिस की रीढ़ व चेहरा, संवेदनशील बनाएं
डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी व रेंज डीआइजी को निर्देश दिया है कि थानों को संवेदनशील बनाएं। उन्होंने कहा है कि थाने पुलिस की रीढ़ व चेहरा हैं। थानों को मजबूत होना व संवेदनशील होना जरूरी है। सभी एसपी नजर रखें कि थाने में कोई पीडि़त पहुंचे, तो उसे न्याय मिले। पुलिस मानवीय होने के साथ-साथ संवेदनशील बने।
थाने से लेकर एसपी तक एक-एक बड़े कांडों को करें टेकओवर
सभी एसपी को यह निर्देश दिया गया है कि जो भी बड़े कांड हो रहे हैं, प्रत्येक माह इसे चिह्नित करें। सभी थाने से लेकर एसपी तक एक-एक कांड को स्वयं देखें। स्वयं अनुसंधान करें। क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कार्रवाई करें। अगर अपराधी ने गलत तरीके से धन अर्जित किया है, तो उसपर कड़ी कानूनी कार्रवाई करें।
अनुसंधान व विधि-व्यवस्था को अलग करने की योजना
सरकार व पूर्व पुलिस अधिकारियों की बदौलत राज्य में बल की कमी को लगभग पूरा करने की कोशिश सराहनीय है। अब अनुसंधान व विधि-व्यवस्था को अलग करने की योजना है। इसके लिए जिस जिले में कम अपराध व घटनाएं होती हैं, वहां पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे ट्रायल के लिए शुरू किया जाएगा। सफलता मिलने पर ही दूसरे जिलों में शुरू होगा।
शांतिपूर्ण मतदान के प्रति पुलिस प्रतिबद्ध
डीजीपी ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण कराने के लिए झारखंड पुलिस प्रतिबद्ध है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य में इस दिशा में कार्रवाई हो रही है। राजनीतिक गतिविधियां, नक्सली गतिविधियों के मद्देनजर भी पुलिस बल सतर्क है। चुनाव के दौरान विधि-व्यवस्था व अन्य पुलिस संबंधित मसलों को देखने के लिए झारखंड पुलिस के एडीजी ऑपरेशन मुरारी लाल मीणा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।