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छिन्नमस्तिका मंदिर का कपाट बंद होने के बावजूद पहुंच रहे श्रद्धालु, पुलिस परेशान Ramgarh News

Chhinnamasta Temple. मुख्य मंदिर के द्वार पर पूजा-अर्चना करते हैं। नदी किनारे बकरों की बलि दी जा रही है और बच्चों का मुंडन करा रहे हैं। लोग अपने साथ पुजारी भी लेकर आ रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 01:36 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 01:36 PM (IST)
छिन्नमस्तिका मंदिर का कपाट बंद होने के बावजूद पहुंच रहे श्रद्धालु, पुलिस परेशान Ramgarh News
छिन्नमस्तिका मंदिर का कपाट बंद होने के बावजूद पहुंच रहे श्रद्धालु, पुलिस परेशान Ramgarh News

रजरप्पा (रामगढ़), जासं। कोरोना वायरस को लेकर लागू हुए लॉकडाउन में मंदिर समेत तमाम धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है, ताकि शारीरिक दूरी का पालन हर स्तर पर हो सके। मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही प्रतिदिन जाकर साफ-सफाई और पूजा-अर्चना का कार्य कर रहे हैं। झारखंड सरकार ने अभी तक यहां के मंदिर समेत तमाम धार्मिक स्थलों को खोलने का आदेश नहीं दिया है। इसके कारण पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालु भ्रम में हैं। सही जानकारी नहीं मिलने के कारण हर दिन विभिन्न राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु छिन्नमस्तिका मंदिर पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं।

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बुधवार को भी विभिन्न राज्यों के अलावा झारखंड के झरिया, हजारीबाग, कोडरमा, और डाल्टनगंज के सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना के लिए अड़ गए। कई श्रद्धालु अपने साथ बलि के लिए बकरा भी लेकर आए थे, लेकिन पुलिस और स्थानीय पुजारियों ने मंदिर का पट बंद होने का हवाला देते हुए मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। हालांकि इस दौरान शारिरिक दूरी का पालन नहीं हो पाया। यह नजारा इन दिनों यहां प्रत्येक दिन देखने को मिल रहा है। इसके कारण पुलिस के साथ-साथ स्थानीय पुजारियों की भी परेशानी बढ़ी हुई है।

कोरोना वायरस के चलते 3 महीनों से बंद है मंदिरों का पट

कोरोना वायरस जैसी महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश के बाद पिछले 20 मार्च से सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर के पट को न्यास समिति ने आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है। मुख्य मंदिर समेत अन्य मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के लिए पट बंद होने के बाद यहां की सभी दुकानें भी पिछले 3 महीनों से बंद है। हालांकि पड़ोसी राज्यों के मंदिर खोले जाने के बाद पड़ोसी राज्यों के श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति है। इसके कारण श्रद्धालु लगातार रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर पहुंच रहे हैं।

बुधवार को यहां भारी संख्या में श्रद्धालु सुबह-सुबह पहुंच गए। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने मुख्य मंदिर में पूजा-अर्चना करने की कोशिश की, परंतु पुजारियों द्वारा इंकार किए जाने के बाद सभी श्रद्धालुओं ने मंदिर के गेट पर ही पूजा-अर्चना कर नारियल की बलि दी। इधर झरिया के श्रद्धालु अपने साथ पुजारी को भी लेते आए थे। पुजारी ने झरिया के श्रद्धालुओं को भैरवी नदी के किनारे ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर बकरे की बलि भी दिलवाई। दरअसल झरिया से लगभग 40- 45 की संख्या में श्रद्धालु अपने बच्चे के मुंडन के लिए आए हुए थे।

वे लोग अपने साथ झरिया से ही पुजारी विजय शंकर पांडेय को साथ लेकर आए थे। मुख्य मंदिर के गेट पर जब श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की सूचना स्थानीय पुजारियों ने पुलिस को दी, तो यहां तैनात रजरप्पा ओपी प्रभारी सुरेंद्र मंडल पुलिस बल के साथ पहुंचे। पुलिस ने श्रद्धालुओं को यहां से खदेड़ दिया। लेकिन इस बीच पुलिस की पकड़ में पुजारी आ गए। पुलिस उसे अपने साथ पुलिस आउटपोस्ट ले गई। ओपी प्रभारी सुरेंद्र मंडल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित मां छिन्मस्तिका मंदिर का पट बंद है।

फिर भी विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु अपने साथ पुजारी लेते आते हैं और पूजा करवाते हैं। पुजारी को समझा-बुझाकर देर शाम छोड़ दिया गया। इधर छिन्नमस्तिका मंदिर न्यास समिति के सदस्यों ने कहा कि जबतक सरकार मंदिर खोलने का आदेश नहीं देती, तब तक श्रद्धालु ना आएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेश के अनुसार मंदिर का पट अगले आदेश तक बंद रखा गया है। सरकार का आदेश होते ही मंदिर का पट खोल दिया जाएगा, उसके बाद नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं के लिए पूजा-अर्चना की व्यवस्था की जाएगी।


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