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डिपोजिट बढ़ा लेकिन घटता गया क्रेडिट

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) झारखंड की 77वीं त्रैमासिक बैठक सोमवार को हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 07:45 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:45 AM (IST)
डिपोजिट बढ़ा लेकिन घटता गया क्रेडिट
डिपोजिट बढ़ा लेकिन घटता गया क्रेडिट

जागरण संवाददाता, रांची : राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) झारखंड की 77वीं त्रैमासिक बैठक का आयोजन सोमवार को होटल बीएनआर चाणक्य में किया गया। बैंक ऑफ इंडिया बैठक का संयोजक रहा।

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बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य वित्त सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि हाल में जब राज्य के बजट की समीक्षा की गई, तो यह देखा गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां राज्य का बजट 73,800 करोड़ रुपये था, 2021-22 में यह बढ़कर 91,200 करोड़ हो गया, जिसमें एसएपी बढ़ाकर 45,500 करोड़ किया गया। उन्होंने कि कुल बजट में 50 प्रतिशत राशि का योगदान बैंकों के माध्यम से होता है। यानि कि राज्य के विकास में बैंकों का बड़ा महत्व है। लेकिन हाल के दिनों में क्रेडिट डिपोजिट रेशियो में गिरावट आई है। इस साल वैश्विक महामारी की स्थिति के कारण सीडी रेशियो घटकर 39.67 प्रतिशत पर आ गया। इस दौरान डिपोजिट तो बढ़ा लेकिन क्रेडिट घटता गया। उन्होंने एसएलबीसी को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि हमें तत्काल सीडी रेशियो में वृद्धि करने की जरूरत है। हालांकि इस दौरान कुछ बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। लेकिन देश के दो बड़े बैंक एसबीआइ और बीओआइ का प्रदर्शन क्रमश: 27 एवं 23 प्रतिशत रहा, जो स्टेट एवरेज से भी कम है। राज्य के विकास में सभी की भागीदारी जरूरी है। मुख्य वित्त सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं। किसान कर्ज माफी योजना के तहत राज्य के नौ लाख किसानों को इसका लाभ देने का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं, एमएसएमई एवं लार्ज सेक्टर में उद्योगों को सब्सिडी का लाभ मुहैया कराया जा रहा है। डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना में केंद्र के अलावा राज्य सरकार भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार 47 योजनाओं को डीबीटी में हस्तांतरण करने की तैयारी कर रही है। वहीं, यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत 14-15 लाख नए लाभुकों को जोड़ा जाएगा और सभी को डीबीटी के माध्यम से पेंशन दिया जाएगा। एसएलबीसी के पदाधिकारियों को सलाह देते हुए मुख्य वित्त सचिव ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए बैंकों को अन्य विभागों के साथ ही समन्वय बनाकर चलना होगा। वहीं, एसएलबीसी जिला स्तर पर डीएलसीसी बैठक नियमित तौर पर शुरू करे।

मुख्य वित्त सचिव द्वारा उठाए गए मुद्दों पर खेद प्रकट करते हुए बीओआइ के सीएमडी अतनु कुमार दास ने कहा कि बैंकिग सिस्टम में सुधार के लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। हालांकि सोशल सिक्योरिटी स्कीम में अच्छा काम हुआ है। एसएचजी में भी उल्लेखनीय काम हुआ है। उन्होंने कहा कि कोई नहीं चाहेगा कि उस पर आंच आए। अगर नहीं सुधारेंगे, तो क्रेडिबिलिटी पर असर होगा। उन्होंने कहा कि सुधार के लिए मिशन-10 कदम अभियान की शुरूआत की जाएगी, जिसकी अगुवाई एसएलबीसी के कंवेनर करेंगे।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित बैठक में बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी अतनु कुमार दास, झारखंड के मुख्य वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, वित्त सचिव, कृषि अबु बकर सिद्दीकी, मनीष रंजन, सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ रूरल, बीओआइ के ईडी स्वरूप दासगुप्ता, आरबीआइ के महाप्रबंधक संजीव सिन्हा, एसएलबीसी के कंवेनर बीके मिश्रा, नाबार्ड के सीजीएम जीके नायर आदि प्रमुख तौर पर उपस्थित रहे।


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