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इस बार भी ऑनलाइन ही होंगे बाबा वैद्यनाथ व बासुकीनाथ के दर्शन, कोरोना ने श्रावणी मेले पर लगाया ग्रहण

Deoghar Shravani Mela 2021 Baba Baidyanath Dham Temple कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार भी श्रावणी मेले पर ग्रहण की आशंका है। मेले को रद करने पर विभाग में सहमति बन रही है। श्रावण मास आरंभ होने में लगभग एक माह शेष है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 07:34 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 01:48 PM (IST)
इस बार भी ऑनलाइन ही होंगे बाबा वैद्यनाथ व बासुकीनाथ के दर्शन, कोरोना ने श्रावणी मेले पर लगाया ग्रहण
Deoghar Shravani Mela 2021, Baba Baidyanath Dham Temple श्रावण मास आरंभ होने में लगभग एक माह शेष है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले पर लगातार दूसरे साल भी ग्रहण लगना तय माना जा रहा है। इस बार भी बाबा वैद्यनाथ व भगवान बासुकीनाथ के दर्शन ऑनलाइन ही होंगे। कोरोना वारयस की दूसरी लहर का रौद्र रूप देख चुके विभागीय अधिकारी नहीं चाहते हैं कि श्रावणी मेले के माध्यम से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़े। बहुत मुश्किल से राज्य में वायरस का कहर थमा है। इसे थमे रहने के लिए जरूरी है कि शारीरिक दूरी और कोविड गाइडलाइंस का पालन किया जाय। यह तभी संभव होगा, जब भीड़ को समय रहते एक जगह जुटने से रोका जा सके।

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राज्य सरकार के गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन प्रभाग में श्रावणी मेले के दो महीने पूर्व से ही विधि-व्यवस्था को लेकर बैठकें होती हैं और विशेष योजना बनाई जाती है। श्रावण मास आरंभ होने में लगभग एक माह शेष है, लेकिन विधि-व्यवस्था को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट ही नहीं है। सभी यह तय कर चुके हैं कि इस बार भी किसी भी कीमत पर श्रावणी मेला नहीं होगा। राज्य सरकार की भी लगभग मौखिक सहमति मिल चुकी है। बाबा वैद्यनाथ के दर्शन को लेकर गत वर्ष हाई कोर्ट के दिशा-निर्देश पर जारी व्यवस्था को लागू करने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है।

हाई कोर्ट के निर्देश पर गत वर्ष विशेष दिशा-निर्देश के साथ खुला था मंदिर

गत वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए श्रावणी मेले पर भी रोक लगाया गया था और मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद था। इसके बाद सांसद निशिकांत दुबे ने हाई कोर्ट में सरकार के दिशा-निर्देश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को विशेष दिशा-निर्देश के साथ मंदिर खोलने पर विचार को कहा था।

राज्य सरकार ने कोरोना वायरस का कहर थमने पर प्रतिदिन चार घंटे के लिए और एक घंटे में केवल 50 श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी। यानी प्रतिदिन मंदिर में 200 श्रद्धालु ही जा सकते थे। यह सुविधा सिर्फ स्थानीय श्रद्धालुओं को दी गई थी। मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पास लेना अनिवार्य किया गया था। शारीरिक दूरी का पालन, मास्क व सैनिटाइजर साथ लेकर जाना था और मंदिर परिसर में दर्शन संबंधित सभी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरे में कैद की जाती थी।


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