प्राइवेट स्कूलों पर डीईओ-डीएसई मेहरबान, शुल्क निर्धारण को नहीं हुई एक भी बैठक Ranchi News
प्रधान सचिव ने कहा कि यह जिला शिक्षा अधीक्षकों की घोर लापरवाही है। पूर्वी सिंहभूम को छोड़कर किसी जिले में नहीं हुई बैठक। रांची सहित कई जिलों ने बैठक के संबंध में रिपोर्ट नहीं सौंपी।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार जिला शिक्षा पदाधिकारियों व जिला शिक्षा अधीक्षकों (डीएसई) की लापरवाही के कारण निजी स्कूलों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है। जिला स्तर के पदाधिकारी ही ऐसे स्कूलों के प्रबंधन पर मेहरबान हैं। तभी तो झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद पूर्वी सिंहभूम को छोड़कर अधिसंख्य जिलों में स्कूलों के शुल्क निर्धारण जिला स्तरीय समिति की एक भी बैठक नहीं हुई।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने इस स्थिति को जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) की घोर लापरवाही बताया है। उन्होंने 20 अक्टूबर तक हर हाल में बैठक करने का निर्देश देते हुए जिलों से यह भी पूछा है कि जिला स्तरीय समिति गठित भी है या नहीं? साथ ही, कितना मामला जिला स्तर समिति के समक्ष विचारणीय है?
दरअसल, विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि एक जिले को छोड़कर अधिसंख्य जिलों में जिला स्तरीय समितियों की बैठक नहीं हुई। मांगे जाने पर कई जिले बैठक के संबंध में विभाग को रिपोर्ट नहीं दे सके। पूर्वी सिंहभूम में 14 सितंबर को बैठक की सूचना विभाग को तो है, लेकिन बैठक की कार्यवाही नहीं मिल सकी है। बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम लागू कर निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए जिला स्तर पर समितियां गठित करने का प्रावधान किया है।
बैठक हुई या नहीं, इन जिलों से नहीं मिली रिपोर्ट
रांची, सिमडेगा, पलामू, रामगढ़, चतरा, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़।
यहां नहीं हुई एक भी बैठक
खूंटी, लोहरदगा, गुमला, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, गढ़वा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, दुमका, गोड्डा, देवघर।