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सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन शुरू, राज्यव्यापी चक्का जाम का बैनर ले सड़क पर उतरी महिलाएं

राज्य में सरना धर्म कोड लागू करने के लिए विभिन्न आदिवासी संगठन और सरना समितियों के द्वारा आज चक्का जाम का आवाह्न किया गया है। इसके तहत सुबह नौ बजे राजधानी के कोकर में केंद्रीय सरना समिति के समर्थकों के द्वारा मेन रोड को बंद कर दिया।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 01:22 PM (IST)
सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों का प्रदर्शन शुरू, राज्यव्यापी चक्का जाम का बैनर ले सड़क पर उतरी महिलाएं
सरना धर्म कोड लागू करने के लिए रांची में चक्का जाम। जागरण

रांची (जासं) । राज्य में सरना धर्म कोड लागू करने के लिए विभिन्न आदिवासी संगठन और सरना समितियों के द्वारा आज चक्का जाम का आवाह्न किया गया है। इसके तहत सुबह नौ बजे राजधानी के कोकर में केंद्रीय सरना समिति के समर्थकों के द्वारा मेन रोड को बंद कर दिया। इसके अलावा भी शहर के अलग-अलग इलाकों से सड़कों को जाम करने की सूचना मिल रही है। केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आज पूरे झारखंड प्रदेश में चक्का जाम रहेगा। आदिवासी सरना कोड को लेकर विभिन्न जिलों में चक्का जाम करेंगे। सरना कोड की मांग को लेकर शहर से लेकर गांव तक आदिवासी अपनी संवैधानिक मांगों को लेकर आवाज बुलंद हो रही है। आज विभिन्न सामाजिक संगठन के लोग भी चक्का जाम का समर्थन में सड़कों पर उतरें है।

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उन्होंने बताया कि आवश्यक सेवाएं प्रेस दूध एंबुलेंस स्कूल बस आदि को चक्का जाम से मुक्त रखा गया है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि सरकार के द्वारा मॉनसून सत्र में सरना धर्म कोड बिल पारित नहीं करना राजनीतिक षड्यंत्र है। सरकार चाहती तो विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल पारित कर सकती है। परंतु सरकार सरना कोड के नाम पर आदिवासियों को ठगने का काम किया है। आदिवासी जनता अब जाग चुकी है। 2021 की जनगणना में यदि सरना कोड को लागू नहीं किया जाता तो पूरे देश के  आदिवासी राज्य से लेकर केंद्र सरकार की ईट से ईट बजा देंगे। इससे पहले बुधवार की शाम को राज्यव्यापी चक्का जाम को लेकर मशाल जुलूस निकाला गया था।


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