Jharkhand: आदिवासी धर्म कोड लागू कराने की मांग को लेकर 20 को देंगे धरना
राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री देव कुमार धान की अध्यक्षता में गुरुवार को संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई।बैठक के दौरान धान ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना का कार्य आगामी कुछ महीनों में शुरू होने वाली है।
रांची, जासं। राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री देव कुमार धान की अध्यक्षता में गुरुवार को संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस मौके पर धान ने कहा कि वर्ष 2021 की जनगणना का कार्य आगामी कुछ महीनों में शुरू होने वाली है। जिसके कारण 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड लागू कराने के लिए बहुत कम समय बचा है इसलिए राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजिनियस धर्म समन्वय समिति के द्वारा पूरे देश स्तर पर आंदोलन को तेज किया जा रहा है।
इसी कड़ी में 20 फरवरी 2021 को राजभवन के समीप एक दिवसीय महा धरना का आयोजन किया गया है। इस महा धरना के बाद राज्यपाल को एक मांग पत्र सौंपा जाएगा। उस मांग पत्र में राज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं भारत के जनगणना महा रजिस्ट्रार को 2021 के जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कोड शामिल कराने की मांग की जाएगी।
देव कुमार धान ने बताया कि इस मांग पत्र के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री गृह मंत्री एवं भारत के जनगणना महा रजिस्ट्रार को यह बताया जाएगा कि पूरे देश के आदिवासी कोई नए धर्म कॉलम की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि भारत के प्रथम जनगणना 1871 से लेकर 1951 तक हम आदिवासियों के लिए जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कॉलम था। उसे पुनः पुनर्स्थापित किया जाए। जिससे पूरे देश के आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो सके। इस महा धरना कार्यक्रम में झारखंड के सभी जिलों से आदिवासियों के 32 समुदायों के बुद्धिजीवी एवं समाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।