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Delhi Investors Summit 2021: झारखंड में 10 हजार करोड़ का होगा निवेश, 1.5 लाख रोजगार की उम्‍मीद

Delhi Investors Summit 2021 Jharkhand Government झारखंड सरकार के दिल्‍ली में दो दिवसीय इन्वेस्टर समिट में निवेशकों ने रुचि दिखाई। एमओयू पर हस्‍ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 का लोकार्पण किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 09:24 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 11:57 PM (IST)
Delhi Investors Summit 2021: झारखंड में 10 हजार करोड़ का होगा निवेश, 1.5 लाख रोजगार की उम्‍मीद
Delhi Investors Summit 2021, Jharkhand Government नई दिल्‍ली में इन्‍वेस्‍टर्स मीट में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन व अन्‍य।

रांची, राज्य ब्यूरो। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर समिट अपने उद्देश्यों में सफल रहा। दो दिवसीय इन्वेस्टर समिट में औद्योगिक समूहों ने राज्य सरकार के साथ करीब 10 हजार करोड़ के निवेश समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इन करारों के धरातल पर उतरने से राज्य में करीब 1.5 लाख रोजगार का सृजन होगा, जिसमें 35 प्रतिशत लोग अपेक्षाकृत पिछड़े माने जाने वाले अनुसूचित जनजाति और जाति वर्ग के होंगे।

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नई दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर समिट के दूसरे दिन शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में निवेशकों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इन्वेस्टर समिट में टाटा स्टील ने झारखंड सरकार को अगले तीन वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये के निवेश का भरोसा दिलाया है। वहीं, डालमिया भारत ग्रुप ने 758 करोड़, आधुनिक पावर ने 1900 करोड़ के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। सेल (स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड) ने गुवा माइंस में अगले तीन वर्ष में चार हजार करोड़ तथा प्रेम रबर वर्क्‍स प्राइवेट लिमिटेड 50 करोड़ का निवेश करने तथा एक हजार प्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की बात कही है।

समिट में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि अगर निवेशक अपने उद्योग के कुल मानव बल में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 35 प्रतिशत हुनरमंद लोगों को रोजगार देंगे तो राज्य सरकार नीति के तहत दिए जा रहे प्रोत्साहन और प्रविधानों के अतिरिक्त भी लाभ हासिल कर सकेंगे। इंवेस्टर समिट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कह कि राज्य सरकार निवेशकों का सहयोग लेकर आगे बढ़ना चाहती है। अपेक्षा है कि आप राज्य के प्रचुर संसाधनों का उपयोग करते हुए झारखंड को विकास की ओर ले जाने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। ये कदम अब थमेंगे नहीं।

पर्यटन, शिक्षा, ऊर्जा, आटोमोबाइल, फार्मा और फूड प्रोसेसिंग पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में माइंस और मिनरल के इर्द-गिर्द बातें सोची गई। ये तो पूर्व की तरह कार्य करती रहेंगी। इसके अतिरिक्त टूरिज्म, एजुकेशन, रिन्यूबल एनर्जी, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, फार्मा, टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी काम हो रहा है। रिन्यूबल एनर्जी में हम बड़ा प्रोजेक्ट ले कर आ रहे हैं। झारखंड में देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित होने जा रहा है, जो बहुत जल्द बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन करेगा। हमारी सरकार राज्य में रोजगार सृजन करने के लिए, उद्योग का मार्ग प्रशस्त करने जा रही है। हमारा प्रयास झारखंड को अग्रणी राज्यों में ले जाने का है।

सुझावों का स्वागत, निवेशकों की भी चिंता

मुख्यमंत्री ने औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से कहा कि झारखंड में उद्योग को लेकर आपके कई सुझाव हमें मिले हैं। इसी का नतीजा है कि आज अपग्रेडेड इंडस्ट्रियल पालिसी तैयार हुई है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि आप लोगों ने झारखंड में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है। एमओयू हो रहा है। कई स्वीकृतियां भी प्रदान की गईं हैं। इस मौके पर विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एल खिंग्याते, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा, सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, निदेशक उद्योग जितेंद्र कुमार सिंह एवं उद्योगपति एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे।

शिक्षण संस्थानों का होगा विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास जो खनिज संपदा का भंडार है। उसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमारे राज्य में पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में भी संभावनाएं हैं। प्रसिद्ध नेतरहाट स्कूल हमारे राज्य में ही है। इसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने देश को सबसे ज्यादा आइएएस और आइपीएस अधिकारी दिए हैं। इसके अतिरिक्त इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में भी झारखंड अच्छा कर रहा है। राज्य सरकार शिक्षण और तकनीकी संस्थानों को और भी बढ़ावा देगी।

राज्य की कार्यपालिका तक आपकी पहुंच आसानी से होगी : मुख्य सचिव  

मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि राज्य की कार्यपालिका तक आपकी पहुंच आसानी से होगी। यहां प्रोएक्टिव अप्रोच से काम करनेवाले अधिकारी हैं, जो समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से काम करते हैं। नीति के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या का सामना निवेशकों को नहीं करना पड़ेगा। झारखंड में निवेशकों के लिए सबसे बेहतर अवसर है। निवेशकों के प्रति सरकार का रवैया दुनियाभर में बदला है। आज 2021 में प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने टॉप ब्यूरोक्रेट के साथ निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए लंबी दूरी तय कर दिल्ली पहुंचे हैं। यह एक बड़ा बदलाव है।

ऐसा संभव हुआ है, क्योंकि लोगों को यह बात समझ में आ रही है कि किसी देश और राज्य का विकास तकनीक के विकास व रोजगार सृजन से ही संभव है। झारखंड एक खूबसूरत राज्य है। फ्लोरा एवं फौना से भरा पड़ा राज्य है। राज्य का 30 प्रतिशत हिस्सा जंगल से भरा है। बड़ी मात्रा में यहां वन उत्पाद हैं। राज्य का मौसम देश के बाकी हिस्सों से कहीं बेहतर है। अच्छे वातावरण से मानव संसाधन की क्षमता बढ़ जाती है। झारखंड में स्वस्थ और नियम से चलने वाले मानव संसाधन उपलब्ध हैं।

तैयार है सिंगल विंडो क्लियरेंस पालिसी  : उद्योग सचिव

उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि झारखंड सरकार ने निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सिंगल विंडो क्लियरेंस पॉलिसी तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार के पास 1000 एकड़ जमीन का लैंड बैंक है। उन्होंने जेआइआईपी, इथनॉल पॉलिसी, रोड कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक वेकिल पॉलिसी, आदित्यपुर क्लस्टर के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से निवेशकों को जानकारी दी। कहा कि झारखंड को सोलर पार्क, ऑटो हब, इलेक्ट्रानिक निर्माण का हब बनाने के लिए सरकार सभी निवेशकों को आमंत्रित कर रही है।


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