BJP प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने तरेरी आंखें, दो माह में ही दिख गया हेमंत सरकार का चेहरा Exclusive Interview
सरकार का चाल चरित्र और चेहरा सामने आ गया है। उयह जन आकांक्षाओं के विपरीत काम करने वाली सरकार है। राज्य की कानून व्यवस्था चौपट है। संगठित और असंगठित दोनों तरह के अपराध बढ़े।
रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने प्रदेश की कमान कुशल संगठनकर्ता दीपक प्रकाश को सौंपी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दीपक प्रकाश ने लंबे समय तक पार्टी में विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाया है। उन्हें संगठन की कमान ऐसे समय में दी गई है जब भाजपा सत्ता से बाहर हो चुकी है। जाहिर है चुनौतियां भी बढ़ी हैं। मौजूद चुनौतियों से वे कैसे निपटेंगे, पार्टी को मजबूत करने को लेकर उनकी क्या रणनीति है। तमाम सवालों पर दैनिक जागरण के प्रिंसिपल कारस्पोंडेंट आनंद मिश्र ने भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से बात की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश...
सवाल : भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने आपको नई जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में क्या चुनौतियां महसूस करते हैं।
जवाब : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय नेताओं ने जिस विश्वास के साथ जिम्मेदारी सौंपी है, हम उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। जहां तक चुनौती की बात है तो मौजूदा चुनौतियों को हम अवसर के रूप में देखते हैं। पार्टी के शीर्ष नेताओं बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंंडा और रघुवर दास तीनों के साथ मुझे काम करने का अवसर लगातार मिला है। उन नेताओं का मार्गदर्शन और झारखंड के निष्ठावान व प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की बदौलत पार्टी के जनाधार को बढ़ाएंगे। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों को मिले इसकी पहरेदारी करेंगे और झारखंड में विपक्ष की भूमिका का निर्वाह सकारात्मक एवं रचनात्मक तरीके से करेंगे।
सवाल : बतौर प्रदेश अध्यक्ष आप संगठन का विस्तार कब तक करेंगे।
जवाब : भाजपा सामूृहिक नेतृत्व और निर्णय पर विश्वास करती है। सभी वरिष्ठ नेताओं की सलाह से प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा की जाएगी। प्रदेश में संगठनात्मक संरचना मंडल से जिला स्तर तक प्रारंभ हो गई है। होली के बाद घोषणा कर दी जाएगी।
सवाल : झाविमो का भाजपा में विलय हो गया है। झाविमो से आए कार्यकर्ताओं को कितना प्रतिनिधित्व मिलेगा।
जवाब : भाजपा में विलय के बाद झाविमो अब इतिहास के पन्नों में अंकित हो गई है। पूर्व में जो झाविमो में थे वे अब भाजपा के हो गए हैं। सबके सम्मान व स्वाभिमान की रक्षा हो इसका पार्टी भरपूर ख्याल रखेगी।
सवाल : आपकी पहली चुनौती राज्यसभा चुनाव है। संख्या बल भाजपा के साथ नहीं है। आगे दुमका उपचुनाव भी है। कैसे निपटेंगे।
जवाब : हमारे पास आंकड़े हैं। भाजपा के 26 विधायक (बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद) हैं। हमारी विचारधारा से सहमत होने वाले ऐसे कई विधायक हैं जो साथ आएंगे। जहां तक दुमका उपचुनाव की बात है भाजपा अपने पूरे दमखम के साथ चुनाव में उतरेगी।
सवाल : राज्य सरकार के कामकाज को कैसे देखते हैं।
जवाब : विगत दो माह में ही सरकार का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है। उससे स्पष्ट है कि यह जन आकांक्षाओं के विपरीत काम करने वाली सरकार है। राज्य की कानून व्यवस्था चौपट है। संगठित और असंगठित दोनों तरह के अपराध बढ़े हैं। उग्रवाद की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही हैं। राज्य सरकार असहाय महसूस कर रही है। आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी आदिवासियों का नरसंहार हो रहा है। आदिवासी समाज के लिए जो घोषणाएं चुनाव में की गईं थी, वे धरातल पर कहीं नहीं दिख रहीं हैं। पूर्ववर्ती सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद की जा रही है। महिलाओं के नाम पर एक रुपये में होने वाली जमीन की रजिस्ट्री को भी बंद किया जा रहा है। नई सरकार में शामिल दलों ने चुनाव से पहले रोजगार, पलायन व विस्थापन के संदर्भ में बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं। वे अब मुंगेरी लाल के हसीन सपने सी प्रतीत हो रही हैं। हम सरकार की विकास विरोधी और जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेंगे।
सवाल : नेता प्रतिपक्ष को लेकर विधानसभा में संशय की स्थिति बनी हुई है। क्या कहेंगे।
जवाब : भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुना है और इसकी पूरी जानकारी हम लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष को समय पर दे दी है। झाविमो का भाजपा में विलय संवैधानिक है, कानून सम्मत है। विधानसभा अध्यक्ष का पद दलगत राजनीति के ऊपर होता है। विधानसभा अध्यक्ष सत्तारूढ़ दल के इशारे पर काम न करते हुए अविलंब निर्णय लें। सत्ता पक्ष भी विपक्ष को आदर व सम्मान दे। इस मामले में अविलंब निर्णय लिया जाए।
स्थानीय नीति पर अपना मंतव्य स्पष्ट करे सरकार
दीपक प्रकाश ने कहा कि सत्ताधारी दल ने स्थानीय नीति बनाने की घोषणा की थी। उस संदर्भ में मुख्यमंत्री और सरकार के सभी घटक दल अपना मंतव्य स्पष्ट करें। जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास न करें।