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साउथ अफ्रीका से दिल्ली, दिल्ली से रांची विमान से पहुंचा सुरेंद्र का शव, उचित मुआवजा नहीं मिला तो शव को वापस एयरपोर्ट से ही भेज दिया

रांची मंगलवार को सुरेंद्र महतो का शव 13 दिन बाद दक्षिण अफ्रीका से रांची पहुंचा। लेकिन मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने शव को लौटा दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 01:25 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 01:25 AM (IST)
साउथ अफ्रीका से दिल्ली, दिल्ली से रांची विमान से पहुंचा सुरेंद्र का शव, उचित मुआवजा नहीं मिला तो शव को वापस एयरपोर्ट से ही भेज दिया
साउथ अफ्रीका से दिल्ली, दिल्ली से रांची विमान से पहुंचा सुरेंद्र का शव, उचित मुआवजा नहीं मिला तो शव को वापस एयरपोर्ट से ही भेज दिया

जागरण संवाददाता, रांची : मंगलवार को सुरेंद्र महतो का शव 13 दिन बाद दक्षिण अफ्रीका से रांची पहुंचा और वापस दिल्ली ले जाया गया। उचित मुआवजे की मांग को लेकर परिजनों ने सुरेंद्र का शव लेने से इन्कार कर दिया। सुरेंद्र के भाई कमलेश महतो ने बताया कि सुरेंद्र के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। कंपनी की ओर से मुआवजे को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया, इसलिए उनका शव नहीं लिया गया। कंपनी से 25 लाख रुपये की मांग की गई थी।

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शव आने की सूचना मिलने पर सुरेंद्र के परिजन लगभग 2:30 बजे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंच गए थे। लगभग 4:20 बजे इंडिगो के दिल्ली-रांची विमान से सुरेंद्र का शव रांची पहुंचा। परिजनों ने बताया कि सुरेंद्र गोमिया के चतरोचंट्टी थाना के बड़की सिधामारा गांव के निवासी हैं। रोजी-रोटी की तलाश में वे दक्षिण अफ्रीका के मुरुतानिया में कल्पतरु पावर कंपनी में काम कर रहे थे। 12 फरवरी को ट्रांसमिशन लाइन में काम करते समय वे इलेक्ट्रिक शॉक की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई थी। कल्पतरु पावर कंपनी की ओर से सुरेंद्र की पत्नी के खाते में 55 हजार रुपये भी भेजे गए थे। पूर्व में कंपनी की ओर से लगभग 10 लाख रुपये मुआवजा देने की बात भी कही गई थी।

इधर, एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि इंडिगो के विमान से सुरेंद्र महतो का शव रांची पहुंचने के बाद परिजनों ने कंपनी के अधिकारियों से बात भी की। बातचीत के दौरान वे कंपनी के अधिकारियों से मुआवजे की मांग कर रहे थे। फिर कंपनी के अधिकारी ने इंडिगो एयरलाइंस के अधिकारी से बात की और शव को वापस दिल्ली लाने की बात की। रात 8:30 बजे सुरेंद्र महतो का शव इंडिगो के विमान से दिल्ली भेजा गया। परिजनों के साथ आए सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि सुरेंद्र झूमरा पहाड़ की तलहटी में बसे गांव के निवासी थे। वे रोजी-रोटी की तलाश में दक्षिण अफ्रीका गए थे। परिवार की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है। कंपनी को उचित मुआवजे का भुगतान करना चाहिए। बताया कि कल्पतरु कंपनी की शाखा दिल्ली में भी है। कंपनी के अधिकारी इस घटना के बाद लगातार परिवार से संपर्क करते रहे। दक्षिण अफ्रीका से दिल्ली और दिल्ली से रांची तक सुरेंद्र के शव को भेजने की जिम्मेदारी भी कंपनी ने ही उठाई। कंपनी की ओर से सुरेंद्र का शव उनके भाई के नाम भेजा गया था। एयरपोर्ट पर सुरेंद्र महतो का शव लेने के लिए गांव से उनके पिता, भाई व पत्नी समेत लगभग 12-13 लोग बोलेरो से आए थे। कल्पतरू कंपनी के अधिकारी ने नहीं दिया जवाब

सुरेंद्र महतो का शव इंडिगो के विमान से वापस मंगाए जाने पर दिल्ली स्थित कल्पतरु पावर कंपनी के कार्यालय के अधिकारी से मोबाइल नंबर 9930253257 पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि रात के 11 बज रहे हैं। इस संबंध में कोई बात नहीं करूंगा। आप बार-बार फोन न करें। बुधवार को कार्यालय अवधि में फोन कर जानकारी लें। यदि आप इस तरह बार-बार फोन करेंगे तो मैं पुलिस के पास आपकी शिकायत करूंगा।


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