Cyber Fraud: नकली फेसबुक अकाउंट बनाकर ठगी कर रहे शातिर, पुलिस अफसर निशाने पर; जानें कैसे बचें
Jharkhand Police News रिश्तेदारों-परिचितों को मैसेज भेजकर झांसे में लेते हैं। अपराधी पुलिस-प्रशासन के कई अफसरों के फेसबुक आइडी से भी ठगी की कोशिश कर चुके हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। साइबर अपराधियों ने इन दिनों फेसबुक को भी ठगी का माध्यम बना लिया है। नामचीन हस्तियों के फेसबुक आइडी का क्लोन बनाकर ठग उनके परिचितों को ठग रहे हैं। ताजा वाकया चतरा जिले के सिमरिया के विधायक किशुन दास के साथ हुआ है। उनके फेसबुक खाते की हू-ब-हू नकल जैसा एक फर्जी एकाउंट बनाकर साइबर अपराधियों ने उनके परिचितों और रिश्तेदारों से रुपयों की मांग की है।
इससे पहले राज्य के कई पुलिस अधिकारियों के अकाउंट के माध्यम से भी ठगी करने की कोशिश साइबर अपराधी कर चुके हैं। इनमें कोल्हान के डीआइजी राजीव रंजन सिंह, बोकारो के पूर्व उपायुक्त मुकेश कुमार, झारखंड पुलिस के पूर्व डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा, सीआइडी के इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद भी शामिल हैं। कल शनिवार को भी सिमरिया के विधायक के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर पैसे की मांग की गई थी।
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर ठगों की नजर मंत्रियों, विधायकों, अफसरों, व्यवसायियों व नामचीन हस्तियों के फेसबुक एकाउंट पर रहती है। उनके अकाउंट का ठीक से अध्ययन करने के बाद ठग संबंधित व्यक्ति के मित्रों की सूची में शामिल लोगों को मैसेज भेजकर तबीयत खराब होने, अस्पताल में भर्ती होने और अति आवश्यक कार्य में व्यस्तता समेत तमाम विषम परिस्थितियों का हवाला देते हुए तात्कालिक रूप से रुपयों की मांग करता है। शाम तक या कल सुबह तक रुपये वापस करने का भरोसा भी देता है। इसी बहाने अगर कोई झांसे में आ गया तो उससे रुपये ठगकर अपराधी संबंधित फर्जी आइडी को क्लोज कर देता है।
ऐसे बच सकते हैं ठगी से
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भी किसी फेसबुक आइडी से मदद के नाम पर रुपये मांगे जाएं तो पहले उस व्यक्ति के मोबाइल या किसी संपर्क नंबर पर उससे कॉल कर लें। हकीकत का पता चल जाएगा। इतना ही नहीं, कुछ उपाय अपनाकर आपर आपके फेसबुक आइडी को सुरक्षित भी बना सकते हैं। क्लोन आइडी साइबर अपराधी तब ही नहीं बना पाएगा, जब आपके आइडी की प्राइवेसी सेटिंग मजबूत न हो। अपना आइडी ओनली मी या ओनली फ्रेंड में रखेंगे तो साइबर अपराधी आपकी आइडी में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
फर्जी फेसबुक आइडी से संबंधित कुछ प्रमुख मामले
केस एक : कुछ दिन पूर्व ही सीआइडी के इंस्पेक्टर रविकांत प्रसाद के नाम पर साइबर अपराधियों ने फर्जी फेसबुक आइडी बना लिया था। इससे पहले कि वह किसी से रुपयों की मांग करता, इंस्पेक्टर को इसकी जानकारी मिल गई। उन्होंने उक्त फेसबुक आइडी को अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट करते हुए अपनी मित्र सूची के लोगों को यह सूचना दे दी कि कोई उक्त आइडी के चक्कर में नहीं पड़े, किसी ने उनका फर्जी आइडी बना लिया है।
केस दो : कोल्हान के डीआइजी राजीव रंजन सिंह का फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर लोगों को अभी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा ही जा रहा था कि उन्हें इसकी भनक लग गई। उन्होंने इस मामले में चाईबासा के टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और अपने मूल फेसबुक वाल पर उक्त आइडी से सतर्क रहने के लिए अपने सभी मित्रों को आगाह किया।
केस तीन : बोकारो के तत्कालीन उपायुक्त मुकेश कुमार का फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर साइबर अपराधी ने अभी लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू ही किया था कि उनको इसकी जानकारी हो गई। उन्होंने एसपी चंदन कुमार झा से इसकी जांच कराने को कहा, जिसकी जांच चल रही है। ऐसे किसी अपराधी का पता नहीं चल पाया है।
केस चार : झारखंड पुलिस के पूर्व डीएसपी अरविंद कुमार सिन्हा के नाम से भी फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर उनकी मित्र सूची के लोगों से साइबर अपराधी ने रुपयों की मांग की। जिससे रुपये मांगे, उसने पूर्व डीएसपी को कॉल कर रुपये मांगने की वजह पूछा तो पता चला कि उन्होंने किसी से रुपये मांगे ही नहीं है।
केस पांच : देवघर के नगर थाने में विलियम्स टाउन निवासी गणेश शंकर पांडेय साइबर थाने में शिकायत कर बताया था कि उनके नाम से फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर उनके रिश्तेदारों, करीबी मित्रों को मैसेज किया जा रहा है। मैसेज करने वाला मदद के नाम पर रुपये मांग रहा है। लोग समझ रहे हैं कि वह रुपये मैं मांग रहा हूं, जबकि मुझे इसका पता ही नहीं। इसकी जानकारी मुझे एक रिश्तेदार ने ही दी है।