जस्ट डायल से नंबर निकालते साइबर अपराधी, आर्मी अफसर बन कर रहे ठगी
साइबर अपराधी आर्मी अफसर बन लगातार ठगी कर रहे हैं। साइबर अपराधी जस्ट डायल से व्यव सायियों और हॉस्पिटल का नंबर निकाल उन्हें कॉल कर अपना शिकार बना रहे है। पहले साइबर अपराधी छोटे अमाउंट को डाल व्यवसायियों को अपने झांसे में लेते हैं।
रांची, जासं। साइबर अपराधी आर्मी अफसर बन लगातार ठगी कर रहे हैं। साइबर अपराधी जस्ट डायल से व्यव सायियों और हॉस्पिटल का नंबर निकाल उन्हें कॉल कर अपना शिकार बना रहे है। पहले साइबर अपराधी छोटे अमाउंट को डाल व्यवसायियों को अपने झांसे में लेते ही और फिर जब भरोसा जीत जाने के बाद उन्हें अपना शिकार बना लेते है। ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। रांची के ही पैथ लैब संचालक को फर्जी आर्मी ऑफिसर बनकर करीब 55 हज़ार का चूना लगाया गया। जबकि अपर बाजार के व्यवसाई को भी फर्जी आर्मी ऑफिसर बनकर 1 लाख रुपये की ठगी की गई।
जानकारी के अनुसार राजधानी के ही करीब दर्जन भर लोग वर्तमान में इनके शिकार हुए हैं। पैथ लैब संचालक रंजन कुमार के साथ भी कुछ इसी तरह की घटना हुई। जिसमें आर्मी ऑफिसर बनकर उन्हें ठगा गया। उनके पास आर्मी ऑफिसर का फोन आया जिसमे बताया गया कि उनके बटालियन के 10 लोगो का मेडिकल टेस्ट रांची एयरपोर्ट पर करना है और इसके लिए जो पैसे हो बताया जाए। इसके बाद रंजन को गूगल पे पर 5 हज़ार रुपये भेजे गए और कहा गया की इनके मोबाइल पर पूरे पैसे ट्रांसफर नही हो पा रहे जिसके बाद उन्होंने अपने पार्टनर का गूगल पे नंबर दिया जिसमें 45 हज़ार रुपये थे। लेकिन साइबर अपराधियों ने पैसे डालने के बजाए 45 हज़ार रुपये अकाउंट से निकाल लिए वही रंजन के अकाउंट से भी 10 हज़ार की ठगी की गई।
कपड़ा व्यवसायी को भी बनाया निशाना
वही इसी तरह की ठगी अपर बाजार के कपड़ा व्यवसायी के साथ हुई। जहां आर्मी ऑफिसर ने अपने बटालियन को बेडशीट दिलाने के नाम पर 1 लाख की ठगी की। मामले की जानकारी देते हुए सायबर थाना प्रभारी डीएसपी सुमित प्रसाद बताते हैं कि साइबर अपराधी क्यूआर कोड भेज लोगो को अपना शिकार बना रहे हैं। जो भी केस अबतक सामने आए है उसमे साइबर अपराधियों के ठिकाने के लोकेशन राजस्थान और हरियाणा के इलाके में मिल रहा है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।