पुलिस की तीसरी आंख से बच नहीं पाएंगे अपराधी
रांची पुलिस हाईटेक फेस डिटेक्शन कैमरों से अपराधियों की पहचान करेगी।
जागरण संवाददाता, रांची :
रांची पुलिस हाईटेक फेस डिटेक्शन कैमरों से अपराधियों की पहचान करेगी। रांची पुलिस ने शहर के वैसे इलाके जहां अक्सर सांप्रदायिक तनाव के मामले सामने आते हैं या फिर वैसे इलाके जहां अपराधियों का मूवमेंट ज्यादा होता है, वहां हाईक्वालिटी का फेस डिटेक्शन कैमरा लगाने का काम शुरू कर दिया है। कई जगहों पर फेस डिटेक्शन कैमरा लगा दिया गया है। जबकि कई जगह पर इसका काम जोर शोर से चल रहा है। रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि इस पूरे सिस्टम को एक्टिव कराने की कवायद चल रही है। इससे रांची में प्रवेश करने वाला कोई भी शातिर अपराधी अब पुलिस की तीसरी आंख से नहीं बच पाएगा। रांची पुलिस के द्वारा लगाए गए फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम अपराधी की पहचान करेगा। राजधानी की सुरक्षा को फुलप्रूफ बनाने की कवायद के तहत रांची के महत्वपूर्ण स्थानों पर फेस डिटेक्शन कैमरा सिस्टम लगाया जा रहा है। इसमें राज्य भर के अपराधियों का प्रोफाइल और हुलिया फीड होगा। अपराधी के कैमरे की जद में आते ही कंट्रोल रूम में सिग्नल बीप बजेगी और पुलिस को शातिर अपराधी के राजधानी में आने की सूचना मिल जाएगी। इससे अपराधियों की पहचान के साथ उसे ट्रैक कर दबोचने में आसानी होगी। इन कैमरों को लगवाने की कवायद वर्ष 2020 में हुई थी। लेकिन कोरोना के बढ़े संक्रमण के बीच काम पूरा नहीं हो सका था। अब इसे नए सिरे से व्यवस्थित किए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है।
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खूफिया तंत्रों से प्राप्त तस्वीरें होंगी अपलोड :
रांची के एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से 50 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है। इन कैमरों की खासियत इनकी फेस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी होगी। यह वह आधुनिक तकनीक है, जो सीसीटीवी कैमरों के सामने से गुजरने वाले हर चेहरे को पहचानने की काबिलियत रखती है। इसके लिए पुलिस उन सभी वांटेड अपराधियों और संदिग्ध लोगों के चेहरे अपने मास्टर कंप्यूटर में फीड करेगी जो सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है। साथ ही उन शातिरों के चेहरों को भी कंप्यूटर में फीड किया जाएगा, जो अक्सर राजधानी में वारदातों को अंजाम देते पकड़े जाते हैं। जैसे ही कोई संदिग्ध सीसीटीवी कैमरे के सामने से गुजरेगा, वैसे ही कंट्रोल रूम में एक विशेष तरह की सिग्नल बीप बजेगी। इसके आधार पर पुलिस को संदिग्ध को पहचानने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी रहेगी। जेल से निकले कई अपराधी लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जंगल में लगातार अभियान चलने की वजह से कई नक्सली भी शहर में पनाह ले रहे हैं। चुकी शातिर अपराधियों और वांटेड नक्सलियों की तस्वीर पुलिस के पास मौजूद है। ऐसे में अगर वे फेस डिटेक्शन कैमरे के सामने से गुजरते हैं तो पुलिस को उनके शहर में आने की सूचना मिल जाएगी और समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर अपराध की वारदातों पर रोक लगाई जा सकती है।
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कई जगहों पर लगाए गए गुप्त रूप से कैमरे राजधानी रांची में वर्ष 2018 से ही हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब इसे स्मार्ट सिटी की कंट्रोल रूम से मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन इसी बीच कई ऐसी जगह पर फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं ,जिसके बारे में सिर्फ और सिर्फ पुलिस को जानकारी है। पुलिस का मानना है कि अगर अपराधियों को यह जानकारी मिल जाए कि किन इलाकों में फेस डिटेक्शन कैमरा लगा हुआ है तो वह सावधान हो जाएंगे। ऐसे में कई संवेदनशील स्थानों पर गुप्त रूप से फेस डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं।