गुमला व पलामू के सरकारी खाते से 21 करोड़ की अवैध निकासी में एक आरोपित गिरफ्तार
Jharkhand Scam News जिन फर्जी चेक व फर्जी आरटीजीएस के माध्यम से फर्जी निकासी की गई थी वह आरोपी के माध्यम से लिखा व तैयार किया गया था। अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। गुमला व पलामू के सरकारी खाते से 21 करोड़ 65 लाख 16 हजार 700 रुपये की अवैध निकासी के मामले में अपराध अनुसंधान विभाग की टीम ने आरोपित निर्भय कुमार उर्फ विवेक सिंह को बुधवार को रांची से गिरफ्तार कर लिया है। सीआइडी की टीम ने गुरुवार को आरोपित निर्भय को जेल भेज दिया है। निर्भय मूल रूप से बिहार के जमुई थाना क्षेत्र स्थित खैरमा गांव के निवासी हैं।
इनपर अन्य अपराधियों के साथ मिलीभगत कर एसबीआइ गुमला के समेकित जनजाति विकास अभिकरण के सरकारी खाते से 27 सितंबर 2019 को फर्जी आरटीजीएस एप्लिकेशन एवं फर्जी चेक के माध्यम से नौ करोड़ पांच लाख 16 हजार रुपये एवं भू-अर्जन कार्यालय पलामू के डालटनगंज एसबीआइ स्थित खाते से 12 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी के आरोपों की पुष्टि हुई है।
जिन फर्जी चेक व फर्जी आरटीजीएस के माध्यम से फर्जी निकासी की गई थी, वह इनके माध्यम से लिखा व तैयार किया गया था। निर्भय ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में भी इन आरोपों को स्वीकार कर लिया है। इन्होंने स्वेच्छा से अपने हस्ताक्षर व लिखावट का नमूना राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों को दिया है।
अब तक इस पूरे प्रकरण में इन्हें सीआइडी कर चुकी है गिरफ्तार
गणेश लोहरा, पंकज तिग्गा, मनीष जैन, मनीष पांडेय, राजकुमार तिवारी, इकबाल व एक अन्य इकबाल
क्या है मामला
केस एक : गुमला में फर्जी चेक के माध्यम से की गई थी 9.05 करोड़ की निकासी
समेकित जनजाति विकास अभिकरण गुमला के अपर परियोजना निदेशक ने 01 अक्टूबर 2019 को गुमला थाने में काड संख्या 324 / 19 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि समेकित जनजाति विकास अभिकरण गुमला के खाते से एसबीआइ गुमला से जारी चेक पर फर्जी तरीके से नौ करोड़, पाच लाख 16 हजार रुपये को ओडिशा में एक्सिस बैंक के कोटपाद शाखा में स्थानातरित कर दिया गया है। एक ही व्यक्ति ने दो फर्जी हस्ताक्षर से इस राशि की निकासी की है। यह गलत ढंग से एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में एसबीआइ की गुमला शाखा में कार्यरत संबंधित कर्मी-पदाधिकारी को आरोपित किया गया है।
केस दो : पलामू में भू-अर्जन विभाग के 12.60 करोड़ रुपये का हुआ था घोटाला
पलामू के विशेष भू-अर्जन कार्यालय में पिछले साल 12.60 करोड़ का घोटाला हुआ था। इसमें भू अर्जन विभाग का नाजिर जेल भेजा गया था। इस पूरे प्रकरण में नाजिर रमाशकर सिंह उर्फ रविशकर, तत्कालीन विशेष भू अर्जन पदाधिकारी बंका राम, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कचहरी शाखा के पूर्व मुख्य प्रबंधक, फर्जी संस्थान शीतल कंस्ट्रक्शन व फर्जी निकासी करने वाले चंदूलाल पटेल समेत 7 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। पलामू के शहर थाना में 25 अक्टूबर 2019 को काड संख्या 378/19 सभी अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में विशेष भू अर्जन विभाग के नाम से एसबीआइ में संचालित खाते के चेक से शीतल कंस्ट्रक्शन ने एक बार में 4 करोड़ 20 लाख की निकासी की थी। दूसरी फर्जी निकासी संबंधित विभाग के खाते के चेक से चंदूलाल पटेल ने 8 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी की। इस तरह एक दिन में कुल 12 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी की गई थी। जांच में पाया गया था कि बैंक के फर्जी चेक पर विशेष भू अर्जन अधिकारी ने राशि निकाली है।