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बहन की हत्या का बदला लेने को बना नक्‍सली, पढ़ें भाकपा माओवादी जीवन कंडुलना की आपबीती

CPI Maoist Jeevan Kandulna हार्डकोर नक्सली जीवन कंडुलना ने मां को खोने के बाद हथियार डाल दिया। 80 से ज्यादा मामलों में वांटेड रहा है। दस लाख का इनामी नक्‍सली तीर बम जैसे हमलों में शामिल रह चुका है। उसने कई हथियारों के साथ सरेंडर किया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 01:18 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 06:04 PM (IST)
बहन की हत्या का बदला लेने को बना नक्‍सली, पढ़ें भाकपा माओवादी जीवन कंडुलना की आपबीती
CPI Maoist Jeevan Kandulna 80 से ज्यादा मामलों में वांटेड रहा है।

रांची, जासं। Jharkhand Naxal News झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द रहे भाकपा माओवादी जीवन कंडुलना को पुलिस ने रविवार को मीडिया के सामने पेश किया और उसे जेल भेज दिया। जेल जाने से पहले पूछताछ में उसने कई खुलासा किया है। जीवन ने बताया कि बहन की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस वजह से वह माओवादी संगठन में शामिल हुआ। इसके बाद हार्डकोर नक्सली बन गया। वह नक्सली दस्ते में लगातार सक्रिय रहकर जोनल कमांडर बना। लेकिन संगठन में रहते हुए कई कीमती चीजों को खोया।

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अपने जीवन में कई दुख सहना पड़ा, मां को कैंसर की वजह से खोना पड़ा। मां का अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाया। यहां तक कि इलाज में भी कोई सहयोग नहीं कर सका। यह सब सोच कर उसने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया और पुलिस के सामने हथियार डाल दिया। 10 लाख का इनामी जीवन 80 से अधिक मामलों में वांटेड है। तीर बम जैसे हमलों में भी वह शामिल रह चुका है।

खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र के जापुद (जयपुर) गांव का रहनेवाला जीवन ने बताया कि उसकी बहन कॉलेज में पढ़ती थी। एक जनवरी 2009 को उसके गांव के ही तीन-चार लड़कों ने मिलकर उसकी बहन के साथ दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर दी थी। इस दौरान वह जालंधर में काम के सिलसिले में रह रहा था। घटना की जानकारी मिलने के बाद जीवन जालंधर से लौटा।

इसी दौरान भाकपा माओवादी संगठन के निर्मल और प्रसाद जी उर्फ कृष्ण अहीर का दस्ता पिडिंग कमडोरा बाजार आता था। उसका माओवादी निर्मल से संपर्क था। वह 2009 में निर्मल के दस्ते में शामिल हो गया। इसके कुछ दिनों बाद दुष्कर्म की घटना में शामिल मध्यम कुमार और राज किशोर की हत्या कर बदला ले लिया था। घटना में शामिल दो अन्य लड़के गांव से भाग गए थे।

साल 2010 से लेकर 2012 तक निर्मल के दस्ता में जीवन सक्रिय रहा। साल 2012 में जीवन को एसएलआर हथियार दिया गया। निर्मल के गिरफ्तार होने के बाद जीवन कृष्णा अहीर के दस्ते में शामिल हो गया था। इसके बाद माओवादी संगठन में सक्रिय होकर एक के बाद एक कई बड़ी घटनाओं का अंजाम दिया।

ये हथियार हुए बरामद

जीवन के पास से प्वाइंट 303 बोर की दो राइफल, प्वाइंट 315 बोर की दो राइफल, प्वाइंट 303 की 40 गोलियां, प्वाइंट 315 बोर की 170 गोलियां, दो ग्रेनेड बम, 3 आइईडी बम, 2 तीर बम, लोहे के छर्रे का पैकेट, 50 मीटर तार, 27 बैटरी, 25 मैगजीन, नक्सली साहित्य और पर्चे मिले हैं।


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