बजट सत्र: सर्वदलीय बैठक से गायब रही भाजपा, झारखंड की सियासत गर्म
Jharkhand Assembly. बजट सत्र कल यानी 28 फरवरी से शुरू होने वाला है। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो गुरुवार को तमाम दलों के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र कल यानी 28 फरवरी से शुरू होने वाला है। इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो गुरुवार को तमाम दलों के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। यह बैठक स्पीकर ने बजट सत्र की तैयारी को लेकर बुलाई है। भाजपा नेता और रांची के विधायक सीपी सिंह इस बैठक में नहीं आए। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 28 फरवरी से 28 मार्च तक चलेगा। इस दौरान झारखंड का बजट 3 मार्च को पेश किया जाएगा। आज की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम आदि नेता मौजूद रहे। बैठक में भाजपा विधायक सीपी सिंह के नहीं आने से यह माना जा रहा है कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रह सकता है। बजट सत्र झारखंड विधानसभा के नए भवन में संचालित किया जाएगा। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने पूर्व में ही तैयारियों का जायजा लिया है और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस राह में बनी रोड़ा
इधर, कांग्रेस ने बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष मानने से इन्कार कर दिया है। पार्टी का कहना है कि किसी भी पार्टी के दो तिहाई विधायक जिधर विलय के लिए जा रहे हैं, उसे ही मूल विलय माना जाएगा। पार्टी ने इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष से भी बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानने की गुजारिश की है। झारखंड विधानसभा चुनाव में झाविमो के तीन विधायक बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव विधायक चुने गए। भाजपा में विलय से पहले बाबूलाल ने अपने दोनों विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके बाद बंधु और प्रदीप कांग्रेस में शामिल हो गए।
भाजपा ने बाबूलाल को बनाया विधायक दल का नेता
बता दें कि बाबूलाल मरांडी रांची में आयोजित एक समारोह में भाजपा में शामिल हो गए और अपनी पार्टी झाविमो का विलय भाजपा में कर दिया। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। इसके बाद भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुन लिया। इसके बाद पार्टी ने स्पीकर को इस संबंध में आवेदन देकर विधानसभा में बाबूलाल मरांडी के लिए बैठने के लिए जगह तय करने का अनुरोध किया।