कोरोना जांच में नहीं आएगी बाधा, अब लैब स्तर पर ही खरीदी जाएंगी आवश्यक सामग्री
सरकार के मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में स्थापित लैब में अब उपयोग में आनेवाली सामग्री खरीदी जाएगी।
रांची (राज्य ब्यूरो)। सरकार के मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में स्थापित लैब में अब उपयोग में आनेवाली सामग्री की कमी कोरोना जांच में बाधा नहीं बनेगी। जांच में उपयोग की जानेवाली तमाम जरूरत की चीजें अब लैब स्तर पर ही खरीदी जा सकेंगी। राज्य सरकार ने सभी सरकारी लैब को इसका अधिकार दे दिया है। पहले लैब को जांच किट के अलावा अन्य सभी जरूरी संसाधनों के लिए मुख्यालय पर निर्भर रहना पड़ता था। लिहाजा समय पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं होने से जांच प्रभावित होती थी। पिछली बैठकों में इस तरह की कई शिकायतें सरकार तक पहुंची थी।
नई व्यवस्था के तहत अब संबंधित मेडिकल कॉलेजों या अस्पतालों के प्राचार्य, एचओडी या अधीक्षक की अध्यक्षता में क्रय समिति गठित की जाएगी। तीन अन्य सदस्यों का भी मनोनयन किया जाएगा, जिसमें एक वित्त के जानकार अनिवार्य रूप से होंगे। यह क्रय समिति टेंडर प्रक्रिया पूरी कर संसाधनों की खरीद कर सकेगी। समिति स्वास्थ्य विभाग या राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड द्वारा तय दर के आधार पर भी क्रय कर सकती है। स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी लैब को संसाधनों का पूरा इस्तेमाल कर अपनी क्षमता के अनुरूप प्रतिदिन जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
अभी रिम्स में 1500, एमजीएम में 1000, पीएमसीएच तथा इटकी यक्ष्मा अस्पताल में आठ-आठ सौ तथा पलामू व हजारीबाग मेडिकल कॉलेजों में छह-छह सौ सैंपल प्रतिदिन आरटी-पीसीआर से जांच की क्षमता है। इधर सरकार ने एनआइसी के माध्यम से एक ऐसा पोर्टल तैयार करने का निर्णय लिया है, जिससे संबंधित जांच की रिपोर्ट संबंधित व्यक्ति को एसएमएस के माध्यम से मिल सकेगा। मिलेगा।