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Coal India पर दिखने लगा COVID-19 का असर, CMPDI के बजट में 15% की कटौती

Jharkhand Latest News. सीएमपीडीआइ सहित आठ अनुषांगिक कंपनियों के बजट में कटौती हुई है। बजट में कटौती की वजह कोविड-19 की वजह से व्यापार में उथल-पुथल को बताया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 09:49 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 09:49 AM (IST)
Coal India पर दिखने लगा COVID-19 का असर, CMPDI के बजट में 15% की कटौती
Coal India पर दिखने लगा COVID-19 का असर, CMPDI के बजट में 15% की कटौती

रांची, जासं। व्यापार में कोरोना महामारी के कारण उथल-पुथल जारी है। ऐसे में इसका असर कोयला क्षेत्र की सबसे बड़ी सार्वजनिक कंपनी कोल इंडिया पर भी दिखने लगा है। कंपनी ने अपनी अनुषांगिक कंपनियों के बजट में कटौती की है। कोल इंडिया के द्वारा सीएमपीडीआइ के लिए आवंटित होने वाले बजट में 15 प्रतिशत की कटौती की गयी है। कोयला उत्पादन और अन्वेषण करने वाली कंपनी की 8 अनुषांगिकों को कोल इंडिया के निदेशक (वित्त) ने पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।

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पत्र में बजट में कटौती की वजह कोविड-19 की वजह से व्यापार में उथल-पुथल को बताया गया है। कोल इंडिया के निदेशक (वित्त) संजीव सोनी के द्वारा लिखे पत्र में आठों कंपनियों के सीएमडी एवं निदेशक वित्त को संबोधित किया गया है। इनमें सीसीएल, सीएमपीडीआइ, बीसीसीएल, ईसीएल, एसईसीएल, डब्ल्यूसीएल, एमसीएल, एनसीएल शामिल हैं। संजीव सोनी ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 के कारण देश कठिन दौर से गुजर रहा है। ऐसे में कंपनियों के खर्च में कटौती करना वित्तीय बाध्यता है।

हालांकि सीसीएल में इस पत्र के प्राप्ति की पुष्टि नहीं हो सकी है। सीएमपीडीआइ के एक वरिष्ठ वित्त अधिकारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि इस कठिन समय में असाधारण वित्तीय प्रबंधन की जरूरत होगी। कंपनी के खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती का असर अन्वेषण कार्य पर न पड़े, इसका हमें ध्यान रखना होगा। केंद्र सरकार ने कोयला क्षेत्र वाणिज्यिक खनन के लिए खोला है, जिसमें कंपनी को अपनी दक्षता में सुधार करना होगा।

साथ ही साथ लचीली प्रतिस्पर्धी और आगे रहने के लिए उत्पादन की लागत को कम करना है। लॉकडाउन के कारण देश की ऊर्जा मांग में प्रत्यक्ष वृद्धि हुई है। कोयला की मांग पर असर हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना काल के बाद उथल-पुथल में कमी आएगी। कंपनियां अपने ओवरटाइम के नियमों, ओवर हेड एक्सपेंस, आफिस में लागत आदि में कटोती करनी होगी।


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