सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से कोर्ट का इन्कार, देखिए कोर्ट ने क्या कहा
Ranchi News अदालत ने मुख्य परीक्षा की तिथि 28 जनवरी से पहले एकल पीठ को इस मामले में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। पूर्व में एकल पीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने के प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ प्रार्थी शेखर
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि प्रार्थी को कोई अंतरिम राहत नहीं दे सकता है, क्योंकि यह मामला अभी एकल पीठ के यहां सुनवाई के लिए लंबित है। अदालत ने सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक से इन्कार करते हुए प्रार्थी की अपील को खारिज कर दिया।
सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से कोर्ट का इन्कार
अदालत ने मुख्य परीक्षा की तिथि 28 जनवरी से पहले एकल पीठ को इस मामले में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। पूर्व में एकल पीठ ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने के प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दी थी। इसके खिलाफ प्रार्थी शेखर सुमन ने खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेश कुमार ने कहा कि जेपीएससी की ओर से गलत माडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है, जबकि इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से इसको लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी गई थी।
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील खारिज
उनकी ओर से भी कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी को भेजे गए थे। जेपीएससी ने गलत उत्तर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया है। पेपर वन के छह और पेपर दो के दो माडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया, लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया। इसलिए परिणाम को निरस्त करने कर मुख्य परीक्षा पर रोक लगानी चाहिए। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और ङ्क्षप्रस कुमार ङ्क्षसह ने अदालत में पक्ष रखा।