यौन-शोषण मामले में दोषी को सात साल की सजा
रांची : अपर न्यायायुक्त एसएस प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को यौन-शोषण मामले की सुनवाई करते हुए
रांची : अपर न्यायायुक्त एसएस प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को यौन-शोषण मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्त इरशाद उर्फ माना को सात साल की सजा सुनाई है। इरशाद पर दस हजार जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर दोषी को तीन माह की अतिरिक्त सजा काटने का आदेश दिया गया है। अभियुक्त के खिलाफ पीड़िता ने बेड़ो थाने में 29 मई 2014 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि उसने दूसरी युवती के साथ दोस्ती की। इसके बाद शादी का झासा देकर शारीरिक संबंध बनाया। इसी बीच युवती को जब मालूम हुआ कि अभियुक्त दूसरी शादी करने जा रहा है। युवती उसके घर गई। अभियुक्त के पिता ने उस पर हथियार तान दिया। वहीं उसकी मा ने पीड़िता को मारपीट कर घर से भगा दिया। पंचायत में भी पीड़िता ने अपनी बात रखी, लेकिन अभियुक्त वहा पहुंचा ही नहीं। इसके बाद पीड़िता ने अभियुक्त के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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रिश्वत मामले में एजीएम व कारोबारी की जमानत याचिका खारिज
रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में मंगलवार को रिश्वत मामले के आरोपित एफसीआइ के एजीएम ए सिकंदर और कारोबारी रंजय चितलागिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने याचिका खारिज कर दी है। दोनों आरोपितों ने छह सितंबर को अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी। मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों की जमानत याचिका खारिज की। सीबीआइ ने रिश्वत मामले में दोनों आरोपितों को 18 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तीनों को खिलाफ सीबीआइ ने प्राथमिकी भी दर्ज की थी। एफआइआर में आरोप है कि नामकुम में दीपेश चाडक का वायरहाउस है। उसमें एफसीआइ का गोदाम चल रहा है। दीपेश चाडक ने उस गोदाम को लीज पर एफसीआइ को दिया था। लीज अवधि समाप्त होने वाली है। इसे बढ़ाने के लिए दीपेश ने रंजय के जरीय एजीएम को रिश्वत देने का ऑफर दिया। दो लाख रुपये में मामला तय हुआ था। एजीएम से यह आग्रह किया गया कि वे इसकी रिपोर्ट उनके फेवर में दें। इसी मामले में दोनों को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था।
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आर्म्स एक्ट व लेवी मामले में नक्सली गोल्डन को ढाई साल की सजा
रांची : अपर न्यायायुक्त अरविंद कुमार नंबर टू की अदालत ने आर्म्स एक्ट और लेवी वसूलने के मामले की सुनवाई करते हुए नक्सली गोल्डन यादव को ढाई साल की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को अभियुक्त गोल्डन पर 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर 15 माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। गोल्डन पर आरोप था कि वह कोयला के ठेकेदारों से लेवी वसूलता था। अभियुक्त गोल्डन के खिलाफ तत्कालीन खलारी थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल ने 10 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें कहा गया कि मैक्लुस्कीगंज थाना की पुलिस 10 मार्च को गश्ती कर रही थी। इसी दौरान मैक्लुस्कीगंज बाजार के पास पुलिस को यह सूचना मिली कि नक्सली गोल्डन किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना में है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गोल्डन के घर की घेराबंदी की। पुलिस को देखकर एक व्यक्ति झोले में सामान लेकर भाग रहा है। खदेड़कर पुलिस ने उस व्यक्ति को दबोचा। तलाशी के दौरान पुलिस ने उसके पास से चार पिस्टल व एक दर्जन जिंदा कारतूस बरामद किया। पूछताछ में उसने अपना नाम गोल्डन यादव बनाया। साथ ही उसके पास से पुलिस ने पीएलएफआइ का लेटर पैड भी बरामद किया गया था।