राजनीतिक दलों के पक्ष में सक्रिय हुए पार्षद, वार्ड कमेटी बनाकर कर रहे बैठक
रांची कांके व हटिया विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम के पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण है। सभी अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार में लग गए हैं। जगह-जगह बैठकें हो रही है।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची, कांके व हटिया विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम के पार्षदों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हैं। संबंधित पार्षद जिस पार्टी से जुड़े हैं, उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी भी दी गई है। प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया पूरा होते ही राजनीतिक दलों से जुड़े पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय हो चुके हैं। राजनीतिक दलों द्वारा वार्ड स्तर पर बुद्धिजीवियों की एक टीम भी बनायी गई है। जिसमें समाज के शिक्षित बुजुर्ग, पढ़े-लिखे युवा, सेवानिवृत्त अधिकारी व पूर्व पार्षद शामिल हैं।
प्रतिदिन सुबह व शाम अलग-अलग मोहल्लों में कमेटी में शामिल सदस्य किसी के आवास पर एकत्रित हो रहे हैं। उसके बाद प्रत्याशी का प्रोफाइल, उसकी छवि आदि पर चर्चा की जा रही है। बैठक में आसपास के लोगों को भी बुलाया जा रहा है। इस बीच विभिन्न राजनीतिक दलों से खडे़ प्रत्याशियों के बीच पार्षद अपनी पार्टी के प्रत्याशी को बेहतर साबित करने व उनके पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं।
चुनाव से चार दिन पूर्व मैनेजमेंट पर होगा जोर : राजनीतिक दलों से जुड़े पार्षदों की अपने-अपने वार्ड में अच्छी पकड़ है। वे अच्छी तरह जान रहे हैं कि मतदाता किस पार्टी के पक्ष में हैं और किसके विपक्ष में। मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए बूथ मैनेजमेंट की भी तैयारी चल रही है। पार्षद अपने सहयोगियों के माध्यम से एक-एक मतदाता को सूचीबद्ध कर रहे हैं। बूथ मैनेजमेंट के लिए एक-एक बूथ के लिए सही बूथ एजेंट की तलाश भी जारी है।
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हटिया व कांके विस से जुड़े वार्डो में पार्षद निभा रहे सक्रिय भूमिका
शहर के कुछ वार्ड ऐसे भी हैं जिनके मतदाता दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटे हैं। संबंधित वार्ड के पार्षद अपनी पार्टी के दोनों प्रत्याशियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। दोनों विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए वे एक-एक दिन के अंतराल पर संबंधित मोहल्लों में बैठक कर रहे हैं।
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कुछ पार्षद कर रहे गुटबाजी
रांची, कांके व हटिया सीट से एक ही राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर कुछ पार्षद गुटबाजी में भी लगे हैं। संबंधित पार्षद के लिए अपनी ही पार्टी का एक प्रत्याशी महत्वपूर्ण है तो दूसरा उनकी मिजाज का नहीं। ऐसे में वे अपने चहेते प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात सक्रिय हैं।