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फर्जीवाड़ा : रेलवे लाइन के नाम पर घोटाले की जमीन तैयार, राष्‍ट्रीय बैंक से निजी बैंक में ट्रांसफर किए 20 करोड़

टोरी-महुआमिलान नई वीजी रेल लाइन में फर्जी हुकुमनामे के जरिए मुआवजा राशि हड़पने की तैयारी थी। हालांकि बैंक ने फर्जी रैयतों का खाता खोलने से इंकार कर दिया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 01:25 PM (IST)
फर्जीवाड़ा : रेलवे लाइन के नाम पर घोटाले की जमीन तैयार, राष्‍ट्रीय बैंक से निजी बैंक में ट्रांसफर किए 20 करोड़
फर्जीवाड़ा : रेलवे लाइन के नाम पर घोटाले की जमीन तैयार, राष्‍ट्रीय बैंक से निजी बैंक में ट्रांसफर किए 20 करोड़

रांची, राज्य ब्यूरो। लातेहार में फर्जीवाड़े की एक नई कहानी प्रकाश में आई है। कहानी टोरी-महुआमिलान नई वीजी रेल लाइन निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि फर्जी दस्तावेजों के सहारे हड़पने से संबंधित है। खबर है कि संबंधित रेल लाइन की मुआवजा राशि की घोषणा होते ही भू-माफिया और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से  सरकारी भूमि का फर्जी हुकुमनामा  तैयार कर राशि हड़पने का मसौदा तैयार कर लिया गया।

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मामले की पोल तब खुली, जब जाली दस्तावेजों के सहारे मुआवजा प्राप्त करने की कोशिश कर रहे फर्जी रैयतों का खाता खोलने से बैंक ने इन्कार कर दिया। बैंक के इस निर्णय के बाद हेराफेरी में शामिल अधिकारियों के होश उड़ गये। इधर, जब इस गड़बड़झाले की खबर जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों तक पहुंची, उपायुक्त ने संबंधित भू-अर्जन पदाधिकारी को उस पद से हटा कर एक कार्यपालक दंडाधिकारी को पदस्थापित कर दिया।

बताया जा रहा है कि पदस्थान रद होता देख संबंधित भू-अर्जन पदाधिकारी ने आनन फानन में उसी तिथि को राष्ट्रीय बैंक से मुआवजा मद के 20 करोड़ रुपये नए खाते खुलवाकर निजी बैंक में हस्तांतरित कर दिए। बताते चलें कि सरकार ने राज्यहित में मुआवजे की राशि राष्ट्रीयकृत बैंक में रखने का आदेश दे रखा है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले साल 18 अक्टूबर तथा राजस्व परिषद की 18 नवंबर को हुई बैठक में भी इसपर सहमति बनी थी। इसके बाद मुख्य सचिव और राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से भी आदेश जारी हुआ, जिसमें राष्ट्रीयकृत बैंक की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होने पर विशेष परिस्थिति में सहकारी बैंकों में राशि जमा करने की बात कही गई।

मामला संज्ञान में नहीं : अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यह घोर वित्तीय अनियमितता का मामला है। मामले की जांच कराई जाएगी। दोष साबित होने पर संबंधित अफसरों व अन्य के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। केके सोन, सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग


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